सुबह बारिश शुरू हुई तो थमती नजर नहीं आई। घंटों तक बारिश होती रही। इसके चलते कई जगहों पर नाले उफना गए। मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हुईं।
भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मानसून के तल्ख तेवरों ने परीक्षा ली। बारिश के चलते नदी-नाले उफना गए। इस कारण सत्र में शामिल होने जा रहे सचिवों के वाहन भी घंटों फंसे रहे। कई जगह भूस्खलन होने से मार्ग बाधित हुआ। इसमें सरकारी और निजी वाहनों को मार्ग खुलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
सत्र की तैयारी के मद्देनजर मार्ग पर तैनात जेसीबी से मार्ग खोले गए। मंगलवार को मौसम ठीक था। ऐसे में सत्र के लिए पहुंचने वालों को रास्ता तय करने में दिक्कत नहीं हुई, लेकिन शाम को मौसम ने करवट बदली। इसके बाद बारिश शुरू हुई तो थमती नजर नहीं आई। घंटों तक बारिश होती रही। इसके चलते कई जगहों पर नाले उफना गए।
मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हुईं। कालेश्वर से कर्णप्रयाग के रास्ते में भूस्खलन हुआ। इसकी चपेट में वाहन भी आ गए। बाद में इस मार्ग को खोला गया और धीमे-धीमे वाहनों को निकाला गया। मार्ग कीचड़ से भरा हुआ है। यहां से करीब दो किमी की दूरी पर स्थित जखेड़ में गदेरा उफना गया। यह तेज गति से बह रहा है।
सुबह के समय जब सत्र में शामिल होने वाले वाहन वहां से गुजरे तो उन्हें काफी समय तक रुकना पड़ा। इसके चलते दोनों तरफ मार्ग पर वाहनों की कतार लग गई। पानी के तेज बहाव में पत्थर बहकर जा रहे थे। सुबह करीब 8.30 बजे जेसीबी पहुंची। इसके बाद सचिव समेत अन्य अधिकारियों के वाहन गदेरे को पार किया।
इसके बाद दूसरे वाहन स्वामियों ने गदेरे को जैसे-तैसे पार किया। पर वाहन स्वामियों की मुश्किल कम नहीं हुई। पाडली के पास भूस्खलन हुआ था, इसके कारण मार्ग बंद हो गया। यहां भी वाहन काफी समय से फंसे हुए थे। यहां पर पहुंची जेसीबी ने मलबा हटाया, इसके बाद आवागमन शुरू हो सका।
पाडली के आगे सिमली बाजार तक भी जगह-जगह पानी का तेज बहाव सड़क पर हो रहा था, कुछ जगहों पर भूक्षरण के बाद मलबा सड़क पर आया हुआ था। पूरे रास्ते में सरकारी अमलों की मुस्तैदी से मार्ग खोलने की कोशिश में टीम जुटी थी। सिमली के आगे हालात बेहतर थे।