भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर स्विटजरलैंड के दौरे के दौरान जेनेवा पहुंचे हैं। जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर अपनी यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि गांधी का सद्भाव और स्थिरता का संदेश आज के ध्रुवीकरण और संघर्ष की दुनिया में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है।
जर्मनी और सऊदी अरब की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद स्विट्जरलैंड पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने दौरे की शुरुआत को श्रद्धांजलि देकर की।
स्विस विदेश मंत्री के साथ जयशंकर की बैठक
वहीं सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री ने कहा, महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर अपनी जेनेवा यात्रा की शुरुआत की। बता दें कि अपनी जेनेवा यात्रा के दौरान, जयशंकर स्विस विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की समीक्षा करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के रास्ते भी तलाशेंगे।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले एक बयान में कहा, जेनेवा बड़ी संख्या में संयुक्त राष्ट्र निकायों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का घर है। इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री उन अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से मिलेंगे जिनके साथ भारत सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
जर्मन चांसलर से भी मिले थे विदेश मंत्री
इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं। वहीं शोल्ज से अपनी मुलाकात के बारे में एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए जयशंकर ने लिखा, आज बर्लिन में चांसलर ओलाफ शोल्ज से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से व्यक्तिगत शुभकामनाएं दी।
जर्मनी के रक्षा मंत्री से भी की थी मुलाकात
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, 7वें अंतर-सरकारी परामर्श के लिए उनकी भारत यात्रा का बेसब्री से इंतजार है। इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस से भी मुलाकात की और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की। एक्स पर अपनी मुलाकात के बारे में विवरण साझा करते हुए उन्होंने कहा, जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस के साथ एक उपयोगी बैठक। सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। रक्षा संबंधों में प्रगति की सराहना करता हूं।
विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से यह बर्लिन की उनकी तीसरी द्विपक्षीय यात्रा थी और म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) में भाग लेने के लिए फरवरी 2024 में म्यूनिख की उनकी पिछली यात्रा के बाद इस साल जर्मनी की दूसरी यात्रा थी।
जर्मन विदेश मंत्री से मिले थे एस. जयशंकर
वहीं अपनी यात्रा के दौरान एस. जयशंकर ने अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बारबॉक से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की, विशेष रूप से अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में आगामी 7वें भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की नींव रखने के उद्देश्य से।
जर्मन चांसलर के सुरक्षा नीति सलाहकार के साथ अहम चर्चा
विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि दोनों मंत्रियों ने कहा कि जर्मन व्यवसायों का 18वां एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके) अगले महीने नई दिल्ली में आयोजित किया जाना है, जो भारत और जर्मनी के बीच व्यापार-से-व्यापार साझेदारी को और गहरा करेगा। दोनों नेताओं ने यूक्रेन, हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया समेत आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने जर्मन चांसलर के विदेश और सुरक्षा नीति सलाहकार जेन्स प्लोटनर के साथ भी चर्चा की।