जनादेश हरियाणा : वादों और दावों से भेदे कांग्रेस के चक्रव्यूह के सातों द्वार

चाहे बेरोजगारी का मुद्दा हो, बिना पर्ची-खर्ची के नौकरी देने की बात हो, वन रैंक वन पेंशन हो, अग्निवीराें की नौकरी या एमएसपी का मुद्दा हो अथवा कई और ऐसे ही पहलू हैं, जिन पर भाजपा के वादों और दावों पर लोगों ने भरोसा कर स्पष्ट बहुमत देते हुए प्रदेश की बागडोर सौंपी है।

कांग्रेस ने इस चुनाव में जिन सात मुद्दों के चक्रव्यूह में भाजपा को घेरने की कोशिश में थी, भाजपा ने उन्हीं को हथियार बनाते हुए कांग्रेस को मात दे दी। चाहे बेरोजगारी का मुद्दा हो, बिना पर्ची-खर्ची के नौकरी देने की बात हो, वन रैंक वन पेंशन हो, अग्निवीराें की नौकरी या एमएसपी का मुद्दा हो अथवा कई और ऐसे ही पहलू हैं, जिन पर भाजपा के वादों और दावों पर लोगों ने भरोसा कर स्पष्ट बहुमत देते हुए प्रदेश की बागडोर सौंपी है।

युवाओं का पलायन : कांग्रेस ने बड़े मुद्दे के रूप में बेरोजगारी को रखकर भुनाने की कोशिश की। राहुल गांधी हों या पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, दोनों ने ही इसे जोर-शोर से उठाया। राहुल तो डंकी रूट के जरिये रोजगार के लिए युवाओं के विदेश पलायन का मुद्दा प्रमुखता से उठाते रहे। इस हमले की काट भाजपा ने रोजगार का भरोसा देकर निकाली। पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में पहली रैली में घोषणा की कि नई सरकार का श्रीगणेश 25 हजार युवाओं को नौकरी देकर होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुग्राम, नारनौल व करनाल की रैलियों में यह घोषणा कर युवाओं को प्रभावित किया कि तीसरी बार भाजपा सरकार बनने पर पांच लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी।’

उद्योग : कांग्रेस ने उद्योगों के अभाव का मुद्दा उठाया, तो भाजपा ने वादों की झड़ी लगा दी। अंबाला में एकीकृत कपड़ा पार्क या टेक्सटाइल पार्क के साथ रेडीमेड कपड़ा उद्योग, शहजादपुर चीनी मिल की पुर्नस्थापना, खरखौदा जैसा औद्योगिक शहर बनाना व एक और हवाईअड्डा स्थापित कर परिवहन को रफ्तार देने के वादों ने उसके हक में काम किया।

एमएसपी की गारंटी : कांग्रेस ने फसलों पर एमएसपी के मुद्दा उठाया तो भाजपा ने किसानों को भरोसा दिलाया कि अभी हरियाणा में धान का जो दाम 1,300 रुपये चल रहा है उसे सरकार बनने पर 3,100 रुपये कर दिया जाएगा। भाजपा ने 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदने की भी बात कही। शायद भाजपा के ये दावे किसानों की नाराजगी कुछ कम करने में मददगार हुए।

अग्निवीरों को रोजगार : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अग्निवीर योजना जवानों के भविष्य से खिलवाड़ है, पर भाजपा ने संगठित तरीके से इस हमले की काट तलाशी और शाह ने रैली में वादा किया कि अग्निवीरों को सेना से लौटने के बाद शत प्रतिशत पेंशन वाली नौकरी देकर सरकार उनका भविष्य सुरक्षित बनाएगी। साथ ही, वन रैंक वन पेंशन का तीसरा वर्जन लागू करने की बात पर जोर देकर जवानों को भी साधने की कोशिश की।

संविधान : कांग्रेस लोकसभा चुनाव से ही आरोप लगा रही है कि भाजपा संविधान खत्म करना चाह रही है। विस चुनाव में भी कांग्रेस ने दलितों की 19% आबादी को इस मुद्दे के जरिये पाले में करने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने रैलियों में एलान किया कि जब तक मोदी है, कांग्रेस न संविधान से छेड़छाड़ कर सकती है, न ही दलितों का आरक्षण खत्म कर सकेगी। भाजपा की रैलियों में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा के दलित होने के कारण पार्टी में उपेक्षा की बात भी जोर-शोर से उठाई गई।

पर्ची-खर्ची से नौकरी : कांग्रेस ने भाजपा पर नौकरियां न देने और रुकी भर्तियों के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया, तो भाजपा ने पर्ची-खर्ची के मुद्दे को हथियार बना लिया। मोदी, शाह व सीएम सैनी ने कांग्रेस के शासन काल में पर्ची-खर्ची और जाति के आधार पर नौकरियां बांटे जाने के आरोप लगाए।

कर्मचारी वर्ग : भाजपा ने ओपीएस की मांग कर रहे कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के लिए 1.20 लाख अस्थायी कर्मियों को सेवानिवृत्ति तक नौकरी की गारंटी दी। कांग्रेस ने 2.70 लाख सरकारी कर्मियों, डेढ़ लाख पेंशनर्स को पाले में करने का प्रयास किया, तो भाजपा ने कर्मियों को कैशलेस मेडिकल सुविधाएं देने, डीए बढ़ाने का एलान कर इस दंाव को भी फेल कर दिया।

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