‘कंगुवा’ के जोरदार शोर वाले बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए देवी श्री प्रसाद के काम पर सवाल उठे हैं, जिसके बाद अब ‘पुष्पा 2 द रूल’ में संगीतकार थमन बैकग्राउंड म्यूजिक का निर्माण करने के लिए चुने गए हैं।
अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा 2: द रूल’ अगले महीने सिनेमाघरों में धमाल मचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ऐसे में फिल्म के निर्माता इसका ट्रेलर भी जारी करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ट्रेलर लॉन्च को लेकर कई तरह की योजनाएं बनाई हैं। वहीं, अब फिल्म लेकर एक नई खबर सामने आ रही है। खबर है कि फिल्म में संगीत देने वाले संगीतकार देवी श्री प्रसाद को बदल दिया गया है।
देवी श्री प्रसाद के काम पर उठे सवाल
दरअसल, कुछ प्रशंसक संगीत को लेकर चिंतित हैं, मुख्य रूप से सूर्या की कल रिलीज हुई ‘कंगुवा’ में देवी श्री प्रसाद के काम के कारण। कई लोगों को लगा कि संगीत बहुत तेज था और इसने अनुभव को खराब कर दिया। लोगों को फिल्म का संगीत पसंद नहीं आया। प्रशंसक अब उम्मीद कर रहे हैं कि देवी श्री प्रसाद ‘पुष्पा 2’ के लिए अपने काम में सुधार करेंगे और फिल्म पर इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
‘पुष्पा 2’ से जुड़े संगीतकार थमन
इसके अलावा, खबर है कि पुष्पा 2 के लिए बैकग्राउंड स्कोर बनाने के लिए थमन को काम पर रखा गया है, जिससे देवी श्री प्रसाद के काम पर और संदेह पैदा हो गया है। प्रशंसक सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, हैदराबाद में हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में संगीतकार एसएस थमन ने अल्लू अर्जुन और निर्देशक सुकुमार की पुष्पा 2: द रूल में अपनी भागीदारी की पुष्टि की। हालांकि, संगीत निर्देशक ने यह कहते हुए अपनी बात साफ की कि वह इस फिल्म का हिस्सा हैं।
‘कंगुवा’ के बैकग्राउंड म्यूजिक ने किया निराश
दरअसल, ‘कंगुवा’ कल रिलीज हुई, जिसे बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन प्रशंसकों, समीक्षकों और दर्शकों से इसे मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। सूर्या अभिनीत और सिरुथाई शिवा द्वारा निर्देशित इस फिल्म को दर्शकों ने ज्यादातर नकारात्मक प्रतिक्रिया इसके बैकग्राउंड म्यूजिक के कारण दी। कई दर्शकों ने सिनेमाघरों में संगीत की अत्यधिक तेज आवाज के बारे में शिकायत की है। ऐसे में इस पर अकादमी पुरस्कार विजेता साउंड डिजाइनर रेसुल पुकुट्टी ने भी टिप्पणी की।
रेसुल पुकुट्टी की टिप्पणी
इंस्टाग्राम पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे एक मित्र, जो री-रिकॉर्डिंग मिक्सर हैं, उन्होंने मुझे यह क्लिप भेजी है, हमारी लोकप्रिय फिल्मों में ध्वनि के बारे में इस तरह की समीक्षा देखना निराशाजनक है। हमारी कला और कलात्मकता लाउडनेस वॉर में फंस गई है, इसका दोष किसको दिया जाए? साउंड मैन या फिर अनगिनत सुधार सभी असुरक्षाओं को संतुष्ट करने के लिए आखिरी क्षण में आते हैं। अब समय आ गया है कि हमारी बिरादरी अपना पैर जमाए और अपनी बातें जोर से और स्पष्ट रूप से कहें। अगर, दर्शक सिर दर्द के साथ बाहर निकलें तो कोई भी फिल्म दोबारा देखने लायक नहीं रहेगी।’