हेलो किशाेर जी बोल रहे हैं। मैं एसएसपी नैनीताल बोल रहा हूं। आपने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी कि किसी फॉरेस्ट ऑफिसर को आपने बरेली छोड़ा था, उसने पैसे नहीं दिए। इस मामले का निपटारा कर दिया गया है, आप बताइए क्या स्थिति है आपकी शिकायत की। रुपये वापस मिले या नहीं। इतना पूछने किशोर बोले- फॉरेस्ट ऑफिसर ने पैसे दे दिए साहब…।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1905 पर जिले से काफी शिकायतें पहुंच रही हैं। इस वर्ष में अब तक 1425 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। ज्यादातर के निस्तारण के बाद उसकी रिपोर्ट एसएसपी की टेबल तक पहुंच गई है। एसएसपी ने इन सभी शिकायतों के निस्तारण का रैंडम तरीके से चेक किया। उन्होंने धीरज अग्निहोत्री को भी फोन मिलाया। कहा, आपने शिकायत की थी कि छोटे शीशमहल के पास छोटा हाथी व अन्य यूटिलिटी वाहन खड़े हो जाते हैं। पूछा कि इसमें कोई कार्रवाई हुई। इस पर धीरज ने बताया कि मेडिकल चौकी से कार्रवाई हो गई है, उनका फोन भी आया था।
एसएसपी ने तीसरी कॉल जितेंद्र आर्य को की। पूछा -‘आईडी कार्ड बनाने के लिए दस हजार की घूस लिए जाने की आपने शिकायत की थी। क्या हुआ उस मामले का।’ पीड़ित बोला, साहब पैसा वापस मिल गया, आधार कार्ड वाले ने पैसा लिया था। जवाब में एसएसपी ने कहा- आपका समाधान हो गया, जी, अच्छी बात है।
तीन मामलों की रैंडम जांच के बाद निस्तारण की सही तस्वीर सामने आई। एसएसपी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर जितनी भी शिकायत आ रही हैं, उसका गुणवत्ता पूर्वक समाधान किया जाए। जो भी लापरवाही बरतेगा या झूठी सूचना देकर मामला बंद करेगा, उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
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