मानसून शुरू हो चुका है। इस मौसम में जहां एक ओर गर्मी से राहत मिलती है तो वहीं कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्हीं में से एक चिकनगुनिया भी है। बारिश के मौसम में ये बीमारी तेजी से फैलती है। ये एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो साफ पानी में पनपता है। दरअसल, बारिश के दौरान घरों के आसपास पानी जमा हो जाता है। यही मच्छरों के लिए परफेक्ट जगह बन जाता है।
चिकनगुनिया कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन हर साल इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। क्योंकि लोग थोड़ी-सी लापरवाही कर बैठते हैं। इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों में सूजन और दर्द, सिरदर्द, थकान और शरीर पर चकत्ते शामिल हैं। कई बार इसका दर्द महीनों तक बना रहता है, जिससे आपके डेली रूटीन पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए बरसात के मौसम में जरूरी है कि पानी कहीं भी इकट्ठा न होने दें। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको चिकनगुनिया के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही इससे बचने के तरीके भी बताएंगे। तो आइए जानते हैं विस्तार से –
क्यों बढ़ जाता है चिकनगुनिया का खतरा ?
आपको बता दें कि बारिश का मौसम शुरू होते ही मच्छर तेजी से पनपने लगते हैं। इस दौरान कई जगहों पर बारिश का पानी इकट्ठा हो जाता है। इसी पानी में एडीज नाम के मच्छर तेजी से पनपने लगते हैं। ये मच्छर दिन में ज्यादा एक्टिव होते हैं। ऐसे में चिकनगुनिया के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको इन मच्छरों ने काट लिया है तो तीन से चार दिन बाद इनके लक्षण नजर आने लगते हैं।
कई बार तो ये खुद ब खुद ठीक हो जाता है, लेकिन जिनकी इम्युनिटी पहले से कमजाेर होती है, जैसे बच्चे या बूढ़ों में ये बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। इनके लक्षणों को पहचान कर इनसे बचा जा सकता है।
चिकनगुनिया के लक्षण
सिर दर्द होना
चक्कर आना
जोड़ों में दर्द बने रहना
बुखार आना
थकान महसूस होना
उल्टी होना
मसल्स में दर्द होना
चेहरे पर लाल चकत्ते पड़ना
कैसे करें बचाव?
घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें।
साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।