ब्रेक के आसपास विकेट गंवाना भारत के लिए बना सिर दर्द, क्या मैनचेस्टर में बदलेंगे हालात?

बदलते दौर से गुजर रही भारतीय टीम का इंग्लैंड के विरुद्ध उनके घर में प्रदर्शन ठीक ठाक जारी है। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लीड्स में हुए पहले मुकाबले और लॉ‌र्ड्स टेस्ट में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय टीम को जीत मिली। इन तीनों मैचों में एक समान्य बात देखने को मिली जो शुभमन गिल की कप्तानी वाली टीम के लिए सिर दर्द बन गई है। इंग्लैंड दौरे के दौरान भारत के लिए यह बात काफी खटकने वाली रही कि उन्होंने बार-बार खेल के ब्रेक से ठीक पहले या ठीक बाद में विकेट गंवाए।

इसका ताजा उदाहरण लॉर्ड्स टेस्ट में देखा गया। तीसरे दिन पहली पारी में लंच से तीन गेंद पहले विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत रन आउट हो गए। लंच के बाद महज दो ओवर में केएल राहुल ने ड्राइव करते हुए स्लिप में कैच थमा दिया। उसी दिन टी ब्रेक के 3.3 ओवर बाद नितीश कुमार रेड्डी आउट हुए और अंतिम ड्रिंक्स ब्रेक के 3.2 ओवर बाद रवींद्र जडेजा को भी विकेट के पीछे जेमी स्मिथ ने लपक लिया।

जडेजा का विकेट गिरने के बाद भारत की पारी लड़खड़ा गई और अंतिम चार विकेट केवल 11 रन पर गिर गए। मैच के चौथे दिन की दोपहर में अंतिम घंटे में भारत ने दूसरी पारी में 31 गेंदों में तीन विकेट गंवाए और स्कोर 41/1 से गिरकर 58/4 हो गया। इसी तरह अगली सुबह पहले घंटे में ही 23 गेंदों में तीन और विकेट गिर गए। फिर लंच से ठीक चार गेंद पहले रेड्डी आउट हो गए, जब वह जडेजा के साथ एक साझेदारी बनाते दिख रहे थे।

हेडिंग्ले में भी यही पैटर्न
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट में हेडिंग्ले में भी यही पैटर्न देखने को मिला। पहले दिन के पहले सत्र में लंच से ठीक पहले केएल राहुल और पदार्पण कर रहे साई सुदर्शन पांच गेंदों के अंतर में आउट हो गए। यशस्वी जायसवाल टी ब्रेक के बाद दूसरे ओवर में आउट हुए। दूसरे दिन भारत 447/4 से लड़खड़ाकर 471 रन पर ऑलआउट हो गया यानी लंच से पहले और बाद में कुल छह विकेट गिरे। तीसरे दिन की शाम खेल खत्म होने से तीन ओवर पहले साई सुदर्शन आउट हुए और अगली सुबह की पहले फुल ओवर में शुभमन गिल को ब्रायडन कार्स ने बोल्ड कर दिया।

हालांकि, इनमें से कई विकेट इंग्लैंड के गेंदबाजों की योजनाओं की सफलता का नतीजा था। कई मौकों पर यह भी लगा कि भारतीय बल्लेबाजों ने या तो फोकस खोया या फिर ब्रेक के आसपास लापरवाही से शॉट खेला। यह एक पहेली बन चुकी है जिसे कोच गौतम गंभीर को सुलझाना होगा। अब यह ट्रॉफी मैनचेस्टर की ओर बढ़ रही है, जहां 23 जुलाई से चौथा टेस्ट शुरू होगा। विकेट गंवाना भारत के लिए बड़ी चुनौती।

कोच ने मानी गलती
गुरुवार को बेकनहैम (केंट का सेकंड होम ग्राउंड) में ट्रेनिंग सेशन के बाद सहायक कोच रियान टेन डोशेट ने माना कि ब्रेक के आसपास विकेट गंवाना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है। हमें यह सोचना होगा कि क्या यह केवल संयोग है या फिर कोई पैटर्न है। क्या हम कुछ गलत कर रहे हैं? क्या हम ध्यान खो रहे हैं? क्या हम जरूरत से ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं ब्रेक के बाद? या हम परिस्थितियों में बहुत आरामदायक हो जाते हैं?

यह खिलाडि़यों से निकालना बहुत कठिन है। लेकिन हम इस पर चर्चा कर रहे हैं। ला‌र्ड्स टेस्ट की पहली पारी में पंत का रन आउट चर्चा बना। राहुल ने माना कि वे लंच से पहले शतक पूरा करना चाहते थे। वह 97 रन पर थे और इसी जल्दबाजी में रन आउट हुए। राहुल ने इसे मैच का टर्निंग पाइंट कहा, जबकि शुभमन गिल ने हार के बाद इसे सिर्फ एक गलत फैसला बताया।

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