पहाड़ जैसी चुनौतियों को पार कर गैरसैंण पहुंची धामी सरकार

विधानसभा मानसून सत्र के लिए पहाड़ जैसी चुनौतियों को पार कर धामी सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण पहुंच गई है। भारी बारिश व आपदाओं के बीच गैरसैंण में सत्र कराने के फैसले पर सरकार अडिग रही। हालांकि बारिश के बीच गैरसैंण में सत्र कराने से अफसरशाही से लेकर विधायक भी असहज महसूस कर रहे थे।

सत्र देहरादून में करने के लिए सरकार की तरफ टकटकी लगाए थे।फरवरी 2025 को बजट सत्र देहरादून में कराने पर विपक्ष ने भी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की उपेक्षा करने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। उस समय विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने खुद सरकार से आग्रह किया था कि भराड़ीसैंण विधानसभा में ई-नेवा के तहत सदन में डिजिटाइजेशन व साउंड सिस्टम का काम चल रहा है। जिस वजह से बजट सत्र करना संभव नहीं है।

आमतौर पर सरकार की ओर से बजट सत्र गैरसैंण में किया जाता है। बजट सत्र न होने से सरकार ने मानसून सत्र को गैरसैंण में करने का निर्णय लिया। सरकार को उम्मीद थी कि 15 अगस्त के बाद मानसून कमजोर पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लगातार बारिश से उत्तरकाशी जिले के धराली, हर्षिल, पौड़ी जिले के सैंजी में आपदा ने तबाही मचाई।

सरकारी मशीनरी भी गैरसैंण में सत्र कराने से असहज महसूस थी कर रही
भारी बारिश से पहाड़ों में जगह-जगह भूस्खलन, गदेरों में बाढ़ जैसी स्थिति को देख कर सरकारी मशीनरी भी गैरसैंण में सत्र कराने से असहज महसूस कर रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार का फैसला नहीं पलटा। गैरसैंण में सत्र कराने पर अडिग रहे। सड़क से देहरादून से गैरसैंण की दूरी लगभग 260 किमी. है।

सुबह के समय भारी बारिश में मंत्री, विधायक, अधिकारी, कर्मचारी सत्र के लिए गैरसैंण पहुंच गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी एक दिन पहले ही भराड़ीसैंण पहुंच चुकी थी। जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत अन्य मंत्री व विधायक भी भराड़ीसैंण पहुंचे।

मौसम खुला तो मिली राहत
सोमवार को दोपहर बाद मौसम खुल गया है। तेज धूप खिलने से गैरसैंण जा रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को थोड़ी राहत मिली। भराड़ीसैंण में धुंध छाए रहने से ठंड है।

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