लखनऊ। सरकार गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक की तारीख तय हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में ये बैठक4 अप्रैल शाम पांच बजे होगी।
यूपी में “योगी राज” के 15 दिन हुये पूरे! जाने योगी के अबतक के सबसे बड़े फैसले…
इसमें किसानों की कर्जमाफी पर महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है। इसके अलावा आज सीएम योगी अफसरों के साथ भी बैठक करेंगे। इसमें बड़े अफसरों को अपने विभाग की प्रजेंटेशन भी देनी है। यूपीपीएससी के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह यादव भी सीएम से मुलाकात करेंगे। योगी ने सीएम पद संभालते ही अफसरों के साथ पहली बैठक में अफसरों को बीजेपी के संकल्प पत्र के मुताबिक काम करने का निर्देश दिया था। उन्होंने अफसरों को अगली बैठक में प्रजेंटेशन देने का निर्देश भी दिया था।
कर्जमाफी पर होगा फैसला?
यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मंच से पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि अगर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो पहली ही मीटिंग में किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिया जाएगा। 11 मार्च को बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीती और सूबे में योगी सरकार बनी। नई सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग का सभी को बेसब्री से इंतजार था। यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि पहली कैबिनेट मीटिंग 4 अप्रैल को शाम पांच लोकभवन में प्रस्तावित है। इस मीटिंग से पहले सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या योगी सरकार किसानों की कर्जमाफी का फैसला करेगी?
आसान नहीं है कर्जमाफी का फैसला
19 मार्च को सरकार गठन के साथ ही योगी सरकार किसानों की कर्जमाफी का फार्मूला निकालने में लगी हुई है। हालाकि सूबे की सरकार पर यह काफी बड़ा बोझ होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में छोटे और मझोले किसानों की संख्या करीब दो करोड़ है। इन किसानों करीब 62 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले रखा है। अगर सरकार यह फैसला लेती है तो इससे राज्य का वित्तीय गणित बिगड़ सकता है। लेकिन चुनावी वादों को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार इसपर मुहर लगा सकती है।
बिना कैबिनेट मीटिंग के ही लिए गए कई फैसले
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ कैबिनेट मीटिंग के बिना ही राज्य में अभी तक आदेश जारी किए हैं। योगी सरकार अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई, विधि व्यवस्था में सुधार और एंटी रोमियो स्क्वैड जैसे फैसलों को लेकर लगातार सुर्खियों में है। हालांकि इन सबके बीच विपक्षी नेता किसानों की कर्ज माफी जैसे अहम फैसले में देरी को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रही हैं। 4 अप्रैल को प्रस्तावित मीटिंग में कई और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।