हैदराबाद की पारी के 6ठें ओवर की आखिरी गेंद और सातवें ओवर की पहली गेंद एक ही बल्लेबाज ने खेला, जो कि क्रिकेट के नियमों के अनुसार पूरी तरह से गलत है।
शायद आपने गली क्रिकेट में कई बार ऐसा होते देखा होगा, लेकिन आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में ऐसी गलती बिल्कुल भी माफी के लायक नहीं। दरअसल मुंबई और हैदराबाद के बीच खेले जा रहे वानखेड़े स्टेडियम में एक ऐसी घटना घटी जिससे अंपायरिंग के खराब स्तर पर सभी का ध्यान चला गया। सनराइजर्स हैदराबाद की पारी के दौरान एक ऐसी गलती सामने आई, जिसे क्रिकेट के मैदान पर माफी नहीं दी जा सकती। आपको बता दें कि हैदराबाद की पारी के 6ठें ओवर की आखिरी गेंद और सातवें ओवर की पहली गेंद एक ही बल्लेबाज ने खेला, जो कि क्रिकेट के नियमों के अनुसार पूरी तरह से गलत है।
आपको बता दें कि सनराइजर्स हैदराबाद की पारी के 6ठें ओवर में जसप्रीत बुमराह ने आखिरी गेंद कप्तान वॉर्नर को फेंकी, इस गेंद पर वॉर्नर ने चौका जड़ा,
फिर ओवर समाप्त होने के बाद अगला ओवर लेकर मिचेल मैक्कलेनेघन आए, लेकिन इस बार भी स्ट्राइक पर वॉर्नर ही खड़े थे, उन्होने पहली गेंद खेल ली और एक रन लेकर स्ट्राइक शिखर धवन को दी।
क्रिकेट नियमों के अनुसार जब आखिरी गेंद पर वॉर्नर ने स्ट्राइक ली और चौका जड़ा, तो फिर अगले ओवर की पहली गेंद पर शिखर धवन को स्ट्राइक पर होना चाहिये था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बल्लेबाजों ही नहीं बल्कि अंपायर्स से भी बड़ी चूक हुई।
मालूम हो कि आईपीएल के इस मुकाबले में मैदान पर अंपायरिंग का जिम्मा सी के नंदन और नितिन मेनन पर था, लेकिन दोनों अंपायरों से ये बड़ी चूक हुई, इसके साथ ही तीसरे अंपायर वाई सी बर्डे भी इस गलती पर नजर नहीं रख पाए।
सी के नंदन वहीं अंपायर हैं, जिन्होने केकेआर के खिलाफ पिछले मुकाबले में मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा को गलत एलबीडब्लयू आऊट दिया था, जिसके बाद रोहित ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी, इसके लिये आईपीएल की ओर से कार्रवाई भी की गई थी।
आईपीएल के इस सीजन में आईसीसी पैनल के अंपायरों की संख्या और भी कम हो गई है, इस साल सिर्फ 4 अंपायर इंटरनेशनल लेवल के हैं।