झारखंड के जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में स्थायी कर्मचारी धीरेंद्र कुमार की मौत के बाद उनके आश्रित को स्थायी नौकरी देने की मांग को लेकर राजनीतिक दलों और कर्मचारियों ने टाटा मोटर्स के गेट नंबर एक का घेराव किया.
गेट पर धरने पर बैठे पार्टियों के कार्यकर्ता और नेता
झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम), ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता शनिवार को गेट का घेराव कर संयुक्त रूप से टाटा मोटर्स के गेट नंबर एक के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं. तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है.
जेवीएम के केन्द्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि एक शहर में दो कानून नहीं चलेंगे. टाटा स्टील में मरने वाले को प्रबंधन नौकरी देता है, लेकिन टाटा मोटर्स में नहीं देता. दिवंगत कर्मचारी के छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनके साथ टाटा मोटर्स प्रबंधन को सहानुभूति दिखानी होगी.
इलाज के दौरान हुई थी मौत
गौरतलब है कि 12 अप्रैल को बी शिफ्ट करने के बाद धीरेंद्र को अगले दिन 13 अप्रैल को सुबह प्लांट बुलाया गया था. वहां पंचिंग करने के बाद उनकी तबियत खराब हो गई थी. बाद में उन्हें टाटा मोटर्स अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप भी लगाया है.
मौत की घटना ऑन ड्यूटी मानने से इनकार
वहीं कंपनी प्रबंधन ने मौत की घटना को ऑन ड्यूटी मानने से इनकार कर दिया है. टाटा प्रबंधन का कहना कि वे अपने विभाग तक पहुंचे ही नहीं थे.
परिसर के भीतर धरने पर है टेल्को वर्कर्स यूनियन
इस मामले को लेकर टेल्को वर्कर्स यूनियन के नेता एक मंच पर आ गए हैं और कंपनी परिसर के भीतर धरने पर बैठ गए हैं. पिछले दस दिनों के भीतर टाटा मोटर्स के स्थायी कर्मी की मौत की ये लगातार दूसरी घटना है.
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