राम मंदिर बनने वाला है लेकिन अयोध्या में नहीं पाकिस्तान में। जी हां पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर को बनाने का आदेश दिया है।प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ख़ैबर पख़्तूनख़्वा सरकार को आदेश दिया है कि वह करक ज़िले के टेरी गांव में 1997 में तोड़ा गया राम मंदिर फिर से बनवाए।
ड़ी ख़बर: बीजेपी ने पार्टी से इन बड़े 51 नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता, खेमे में मचा हड़कंम… फंड्सइंडिया के साथ करो म्युचुअल फंड्स में शुरुवात। बनिए क्लब महिंद्रा के मेंबर और पाईये फ्री* 3N सिंगापुर क्रूज वेकेश क्या आप जानते हैं? आप कार इंश्योरेंस प्रीमियम पर 60% तक छूट पा सकते हैं ख़बरों में कहा गया है कि हिंदू संत परमहंस जी महाराज की समाधि पर बनाए गए मंदिर को कुछ कट्टरपंथियों ने 1997 में तोड़ दिया और वहां किसी तरह का मंदिर नहीं बनने दिया।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने यह फ़ैसला सांसद और पाकिस्तानी हिंदू परिषद के संरक्षक रमेश कुमार वंकवानी की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया। वंकवानी ने अर्जी दी थी कि करक के मंदिर समेत तमाम हिंदू मंदिरों के साथ हो रही तोड़फोड़ पर अदालत दखल दे। वंकवानी ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख और स्थानीय कमिश्नर ने उन्हें बताया कि जिन हिंदुओं के नाम करक का मंदिर था, वे इस्लाम क़बूल कर चुके हैं।
डॉन न्यूज़ ने ख़बर दी है कि पाकिस्तान के अतिरिक्त महाधिवक्ता जनरल वक़ार अहमद ने दो जजों की बेंच के सामने कहा कि इस मामले का ऐसा हल निकालने की कोशिशें की जा रही हैं, जिसे सभी मान लें। परमहंस जी महाराज की 1919 में मृत्यु के उनकी समाधि पर एक मंदिर बनाया गया था।
बड़ी तादाद में लोग इस मंदिर में जमा होते थे। यह सब 1997 तक चला। साल 1997 में वह मंदिर तोड़ दिया। एक स्थानीय धार्मिक नेता ने उस जगह पर क़ब्जा कर लिया। जब परमहंस के भक्तों ने वहां एक बार फिर मंदिर बनाने की कोशिश की, तो उन्हें रोका गया। सिंध के हिंदुओं ने हस्तक्षेप कर मामले को बातचीत से सुलझाने की कोशिशें कीं। उन्होंने तीन लाख 75 हज़ार रुपए का इंतज़ाम कर उस जगह की क़ीमत उस धार्मिक नेता को दी। उसने पैसे लेने के बाद भी उस जगह को खाली करने से साफ़ इंकार कर दिया।