विधानसभा और दिल्ली एमसीडी चुनाव के बाद अब सभी राजनीतिक पार्टियां जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जुट गई हैं। इस लेकर विपक्ष भी अपनी रणनीति बना रहा है। इसके मद्देनजर कांग्रेस की राष्ट्र अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसकी कमान संभाली है। सोनिया पूरे विपक्ष को एक करने की कोशिशों में जुट गई हैं।
सोनिया गांधी बहुत जल्द कई राज्यों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगी
बीते दिनों बिहार से सीएम नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उसके बाद उन्होंने शरद पवार और कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की थी। इसके साथ ही उनसे मिलने के जदयू नेता शरद यादव भी पहुंचे। खबर है कि सोनिया बहुत जल्द और राज्यों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। इस बार विपक्षी पार्टिंयों के एकजुट होने का मंच बना है अगामी राष्ट्रपति चुनाव। ये राष्ट्रपति चुनाव सोनिया गांधी के एक्शन में लौटने का मौका भी कहा जा सकता है, क्योंकि पिछले काफी समय से कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ही फ्रंट सीट पर बैठे नजर आ रहे थे। लेकिन ऐसा लग रहा है कि अब सोनिया गांधी ने फिर कमान अपने हाथों में थाम ली है।
यह भी पढ़े- बड़ी खबर: योगी सरकार का बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 54 IPS अधिकारियों का किया तबादला…
शिवसेना ने शरद पवार का नाम सामने किया था
बता दें खबरों के बाजार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार का नाम राष्ट्रपति पद के लिए सबसे आगे चल रहा है। हाल ही में शिवसेना ने शरद पवार को सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में पेश करने की बात कही थी। शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के लिए पवार को सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में पेश करते हुए कहा था कि भाजपा को भी उनको (शरद पवार को) समर्थन देना चाहिए। राउत ने कहा था कि शरद पावर काबिल हैं और काबिल राष्ट्रपति भी बन सकते हैं। हालांकि खुद शरद पवार ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को सार्वजनिक रूप से दूर रखा है और उनकी पार्टी भी इस बात को दोहरा रही है। अब देखना ये होगा कि सोनिया इस बार पवार को आगे लाएंगी या फिर कोई और नाम सामने आता है।
यह भी पढ़े- अभी अभी: अचानक सेना पर हुआ आतंकी हमला, तीन जवान हुए शहीद…