दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद हाशिये पर जा चुकी भाजपा को चौतरफा जीत दिलाने में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जमकर मेहनत की। झुग्गियों में प्रवास, एक के बाद एक लगातार तीन सौ से अधिक चुनावी सभाएं और रोड-शो कर उन्होंने दिल्ली के कोने-कोने में भाजपा का कमल खिलाया। इस ऐतिहासिक जीत पर उनसे दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता संतोष कुमार सिंह ने बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश…निगम चुनाव में बंपर जीत का श्रेय किसे देंगे-
इस ऐतिहासिक समर्थन के लिए दिल्लीवासियों को नमन। लोगों ने जो विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने और दिल्ली वालों को उनका हक दिलाने के लिए दिन-रात मेहनत करेंगे। दिल्ली को संवारने के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा। यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति और दिल्ली के कार्यकर्ताओं की मेहनत से मिली है। दिल्ली के लोगों ने मोदी जी की नीतियों में विश्वास कर उनके साथ चलने का फैसला किया। वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो रणनीति बनाई उसे कामयाब करने के लिए कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की।
क्या भाजपा की जीत आप व कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है-
दिल्ली की जनता सकारात्मक सियासत में विश्वास करती है, इसलिए नकारात्मक राजनीति करने वालों को उन्होंने नकार दिया है। दोनों पार्टियों को आत्ममंथन करना चाहिए।
क्या यह जनादेश दिल्ली सरकार के खिलाफ है-
बिल्कुल, दिल्ली सरकार के कामकाज के खिलाफ दिल्लीवासियों ने जनादेश दिया है। केजरीवाल राइट टू रिकॉल की बहुत बात करते थे। अब दिल्ली की जनता ने अपना फैसला सुना दिया है, इसलिए केजरीवाल को नैतिक आधार पर अपना पद छोड़ देना चाहिए।
लेकिन आप तो ईवीएम में गड़बड़ी को हार का कारण बता रही है-
आम आदमी पार्टी के नेता हार का ठीकरा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर नहीं फोड़ें। जिस मुख्यमंत्री को ईंट से ईंट जोड़कर दिल्ली का विकास करना चाहिए वह ईंट से ईंट बजाने की धमकी दे रहा है। दिल्ली को रोगमुक्त करने के बजाय लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया होने की बददुआ दे रहा है। इससे दिल्लीवासियों में रोष है। आप को अपनी हार को लेकर आत्ममंथन करना चाहिए। दिल्ली सरकार को बचे हुए कार्यकाल में दिल्ली के हित में काम करना चाहिए।
क्या अब आप मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे-
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे ईमानदारी से निभाने की कोशिश कर रहा हूं।
भाजपा की क्या प्राथमिकता होगी-
दिल्ली की सफाई प्राथमिकता होगी। अगले चार महीने में दिल्ली को कूड़ा मुक्त किया जाएगा जिससे दिल्लीवालों को चिकनगुनिया, डेंगू व अन्य बीमारियों से बचाया जा सके। निगम की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पूरी योजना तैयार की जा रही है।
निगम में फैले भ्रष्टाचार को कैसे दूर करेंगेे-
भाजपा शासित निगमों ने दिल्ली के हित में कई काम किए हैं, लेकिन इसका सही ढंग से प्रचार नहीं किया गया। जो भी कमी है उसे दूर किया जाएगा। भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। पारदर्शिता लाने के लिए निगम के काम को ऑनलाइन किया जाएगा। एक साल के अंदर निगम की कमियां दूर करने का लक्ष्य है।