MCD चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) के खराब प्रदर्शन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुप्पी तोड़ते हुए हार के लिए गलती स्वीकार की है। पंजाब, गोवा के बाद दिल्ली के स्थानीय निकायों में भी करारी हार के बाद पार्टी नेताओं के निशाने पर आए केजरीवाल ने शनिवार सुबह ट्विटर पर जारी एक पत्र में आत्मचिंतन की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘पिछले दो दिनों में मैंने कई वॉलंटियर्स और वोटरों से बात की है। वास्तविकता यह है कि हमने गलतियां की हैं। हम इन गलतियों पर आत्मचिंतन करेंगे और उसे सुधारेंगे।’ इधर केजरीवाल के गलती मानने के बयान पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने चुटकी ली है। उन्होंने केजरीवाल के बयान को स्टंट बताते हुए कहा, ‘केजरीवाल ने माफी मांगने में देरी कर दी।’केजरीवाल ने पत्र में लिखा है, ‘समय आ गया है कि हम अपनी गलतियों को सुधारें, यह करना जरूरी है। हमें चिंतन करना होगा। ऐक्शन लेने की जरूरत है, बहाने बनाने का नहीं। हमें फिर से अपने काम में लग जाना चाहिए।’ AAP चीफ ने आगे कहा, ‘समय-समय पर हम फिसले हैं, लेकिन अहम यह होगा कि हम खुद को पहचानें और उठ खड़े हों तथा वापसी करें।’ केजरीवाल ने दिल्लीवालों को भरोसा दिलाया कि हार का उनकी सरकार के काम पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, वह बदलाव के रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे और लोगों को वह देने की कोशिश करेंगे जो वह डिजर्व करते हैं।
गौरतलब है कि MCD चुनावों में AAP की हार के बाद कई नेताओं ने केजरीवाल पर निशाना साधा था। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से कुमार विश्वास ने शुक्रवार को केजरीवाल पर गलत लोगों को टिकट देने का आरोप तक लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनावों में ईवीएम ने नहीं जनता ने हराया है। विश्वास के अलावा केजरीवाल के करीबी रहे पूर्व AAP नेता मयंक गांधी ने तो केजरीवाल को सत्ता का लोभी तक करार दे दिया था। वहीं पार्टी सांसद भगवंत मान समेत कई और नेताओं ने पार्टी प्रमुख को पार्टी में सुधार की नसीहत दी थी।
उधर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष तिवारी ने एक एक टीवी चैनल से बात करते हुए केजरीवाल के इस बयान को गिरगिट पॉलिसी बताया है। उन्होंने कहा, ‘ केजरीवाल गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। जनता ने उनको सबक सिखाया है। उनका मन गंदा है। केजरीवाल ने सुकमा के शहीदों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। वह देश विरोधियों का समर्थन कर देते हैं। इनपर भरोसा करना मुश्किल है।’
विश्वास ने पार्टी के फैसले बंद कमरे में लेने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘कई फैसले बंद कमरे में हुए। MCD चुनावों में गलत लोगों को टिकट दिया गया।’ उन्होंने कहा था, ‘ईवीएम में गड़बड़ी चुनाव का हिस्सा है। इसके लिए कई प्लैटफॉर्म है। चुनाव आयोग है… कोर्ट है… जहां हम अपनी बात दर्ज करा सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह तय करना होगा कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन हम ईवीएम के लिए करें या फिर भ्रष्टाचार, मोदी या कांग्रेस से लड़ने के लिए करें।’ विश्वास ने कहा था, ‘दिल्ली में पार्टी ने जो काम किया है उसे हम लोगों तक पहुंचा नहीं पाए। हमें बैठकर बदलाव करना चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि AAP की कार्यप्रणाली पर कुछ दिन पूर्व विश्वास ने एक विडियो जारी कर मुख्यमंत्री केजरीवाल को नसीहत दी थी।
मामला न बिगड़े, इसके लिए सीएम ने उनके इस संदेश की सराहना की थी और पार्टी के सभी विधायकों को उसे देखने को कहा था। इसके बाद सांसद भगवंत सिंह मान ने भी मुख्यमंत्री के लिए नसीहत जारी कर दी थी और कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत किया जाना जरूरी है। पार्टी विधायक अलका लांबा ने यह नसीहत दी कि एसमीडी में हार का कारण ईवीएम मशीन नहीं कुछ और है, जिसकी पार्टी को तलाश करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कभी अरविंद केजरीवाल के मित्र और सहयोगी रहे आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता मयंक गांधी ने भी उनकी आलोचना की थी। उन्होंने एक खुला पत्र लिखकर केजरीवाल को ‘सत्ता की भूख के कारण पतित’ बताया था। दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजों के बाद इस ब्लॉग को मयंक ट्विटर पर पोस्ट किया था। गांधी ने कहा था कि 2015 के विधानसभा चुनावों के बाद केजरीवाल बदल गए हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के संस्थापक सदस्य रहे और 2003 से ही केजरावील के साथ काम करने वाले मयंक गांधी ने लिखा, ‘ऐसा तब हुआ जब आपने क्लासिक गलतियां कीं। आपने पूरा क्रेडिट लिया और सोचने लगे कि जैसे देश का समर्थन अरविंद केजरीवाल को ही है। कभी समझौते न करने वाले और निस्वार्थी अरविंद केजरीवाल अब मर चुके हैं।’
इस कड़ी में AAP की ट्रेड विंग भी शामिल हो गई थी। विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने सोशल मीडिया पर एक संदेश जारी किया था, जो बताता है कि वह अपने संदेश में परोक्ष रूप से सीएम को नसीहत देते नजर आ रहे हैं। उनका कहना था कि राजनीति में हार-जीत चलती रहती है, कोई भी दिन अंतिम दिन नहीं होता। गौरतलब है कि हार के बाद सीएम और मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हार के बाद ईवीएम मशीन को दोषी बताया था और आरोप लगाया कि मशीनें गड़बड़ नहीं होतीं तो आप की जीत जरूर होती। उनके इस बयान को बृजेश ने टारगेट किया है और कहा है कि हारने पर जनता के आदेश को हाथ जोड़कर स्वीकार करना चाहिए और अपनी कमियों को ढूंढना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हार का ठीकरा दूसरों पर नहीं फोड़ना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही मालिक है।