नई दिल्ली. देश के शहीद जवानों के परिवार वालों को अब आईएएस अफसर गोद लेंगे। आईएएस अफसर ऐसे परिवार की सीधे तौर पर आर्थिक मदद तो नहीं करेंगे, लेकिन मिलने वाली पेंशन नौकरी, पेट्रोल पंप एवं अन्य कामों के जरिए मदद करेंगे। ये एतिहासिक फैसला इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने लिया है।
यह भी पढ़े- अभी अभी: CM योगी ताला तोड़ घुसे ऑफिस, पकड़ी अफसर की अय्यासी, देख सबके उड़े होश…शुरुआत में वर्ष 2012-15 की भर्ती वाले 700 नौजवान अफसरों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन अफसरों को निर्देश दिया गया है कि उनकी पोस्टिंग जहां भी है, वहां किसी एक शहीद के परिवार को गोद लें और सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को तत्काल उपलब्ध करवाकर परिवार की मदद करें। इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन के सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी ने कहा कि कोई भी अफसर सीधे तौर पर पैसों देकर मदद नहीं कर सकता है।
अफसर का काम है कि वो शहीद जवान के परिजनों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को जल्द से जल्द से उपलब्ध करवाए। इसके लिए स्टेट सिविल सर्विस में तैनात वरिष्ठ अफसर भी शहीद के परिवार को गोद ले सकते हैं। यूपी आईएएस एसोसिएशन के सचिव व इलाहाबाद के मंडलायुक्त आशीष कुमार गोयल ने बताया कि एसोसिएशन को केंद्रीय कार्यकारिणी की पूरी जानकारी है। ऐसे में यूपी में भी इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। यह एक अच्छी पहल है।
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ऐसे की जाएगी मदद – शहीद सैनिकों के परिजनों को स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का लाभ दिलवाना। – शहीद के परिवार का कोई सदस्य यदि बीमार है या फिर परेशानी में है तो सरकारी मशीनरी का उपयोग कर मदद करना। – सैनिक के शहीद होने के बाद परिजनों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ जल्द से जल्द से उपलब्ध करवाना।