लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास में लगी है। सूत्र बताते हैं कि योगी सरकार पुलिस के सभी आठ जोनों में आइजी के स्थान पर एडीजी अपर पुलिस महानिदेशक और रेंज में डीआइजी के स्थान पर आइजी महानिरीक्षक तैनात कर सकती है। आज शाम प्रस्तावित कैबिनेट में इस पर चर्चा के बाद मंजूरी की मुहर भी लग सकती है।
इसके अलावा टेली मेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराने एमबीबीएस डाक्टरों के पुनर्नियोजन व पंजीकृत मजदूरों को पांच रुपये में भोजन के लिए बोर्ड गठित करने पर चर्चा की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश पुलिस के आठ जोनों की कमान अपर पुलिस महानिदेशक एडीजी स्तर के अधिकारी को सौंपने का प्रस्ताव है। अभी महानिरीक्षक आइजी स्तर के अधिकारी यह काम देख रहे हैं और सभी 18 पुलिस रेंज का जिम्मा आइजी स्तर के अधिकारी को सौंपने का प्रस्ताव है अभी इस पद की जिम्मेदारी डीआइजी संभालते हैैं।
इसके पीछे तर्क यह है कि वरिष्ठ अधिकारी को छोटा क्षेत्र मिलने से पर्यवेक्षण बेहतर होगा। शिकायतें भी घटेंगी। बड़े जिलों की कमान डीआइजी स्तर के अधिकारी को सौंपे जाने से जनता के साथ तालमेल बेहतर होने की उम्मीद है। अगर यह व्यवस्था लागू हो जाती है तो यह व्यवस्था ठीक वैसे ही होगी जैसे ही माया सरकार में हुआ करती थी। वर्ष 2012 में सत्ता संभालते ही अखिलेश यादव ने यह व्यवस्था खत्म कर पुरानी व्यवस्था लागू की थी। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को दिल्ली में नक्सल समस्या से निपटने की योजना पर चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश की ओर से जोन, रेंज में अधिकारियों की तैनाती के स्तर में बदलाव की बात रखी गई थी जिस पर सहमति व्यक्त थी।
हालांकि यह विषय राज्य का है और फैसला भी राज्य सरकार को ही लेना है। इसके अलावा कैबिनेट में टेलीमेडिसन चिकित्सा सुविधा का प्रस्ताव आ सकता है इसके जरिये मरीज को उसके घर पर ही विशेषज्ञ चिकित्सा का लाभ मिलेगा और झोलाछाप डॉक्टरों के शिकार होने से बच सकेंगे। औद्यौगिक विकास नीति का प्रस्ताव भी आ सकता है।