नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय कोर्ट आईसीजे ने पाकिस्तान को भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव के कथित इकबालिया बयान वाले वीडियो को यहां एक सुनवाई में चलाने की इजाजत देने से आज इनकार कर दिया। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने आईसीजे में इस वीडियो को चलाने की इजाजत मांगी थी जिसमें कथित तौर पर जाधव को यह स्वीकार करते दिखाया गया है कि वह एक जासूस है।
दरअसल पाकिस्तान जासूसी गतिविधियों के लिए जाधव को भारत द्वारा भेजे जाने के अपने आरोपों का इससे समर्थन करना चाहता था। हालांकि नयी दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने कहा कि आईसीजे ने सुनवाई में यह वीडियो चलाने के लिए पाकिस्तान को इजाजत देने से इनकार कर दिया। इस बीच भारत के मुख्य वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान को यह वीडियो चलाने की इजाजत नहीं मिलना इस्लामाबाद के लिए एक झटका है।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह पाकिस्तान के लिए झटका है साल्वे ने कहा बिल्कुल। उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा यदि आप कुछ दिखाना चाहते हैं और यह आपके मामले में मदद करता है लेकिन यदि आपको यह इजाजत नहीं मिलती है तो यह एक झटका । इसलिए उस मायने में हां झाटका है। वे इसे दिखाना चाहते थे और वह मौका छीन लिया गया। उन्होंने कहा उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी। हमने ऐतराज जताया और न्यायालय ने माना कि यह उचित नहीं है। साल्वे ने आईसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की इस दलील की भी आलोचना की कि भारत ने जाधव को भारतीय साबित नहीं किया है। साल्वे ने कहा कि उन लोगों ने न्यायालय में इस बात से विरोधाभासी दलीलें दी हैं।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अधिकारी मोहम्मद फैसल ने दलील पेश करते हुए कहा कि भारत इस कोर्ट के मंच का इस्तेमाल राजनीतिक नाटक के तौर पर कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम वैसी प्रतिक्रिया नहीं देंगे। आईसीजे का दायरा सीमित है और यह आपराधिक मामलों की सुनवाई नहीं करता। फैसल ने कहा कि हम मामले के शांतिपूर्ण हल के लिए प्रतिबद्ध हैं चाहे हमें जितना भी उकसाने की कोशिश की जाए। पाकिस्तान ने कहा कि भारत जाधव के पासपोर्ट पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाया जिस पर एक मुस्लिम नाम है।
कोई कारोबारी भला हिंदू और मुस्लिम नाम के दो अलग अलग पासपोर्ट क्यों रखेगा। पाकिस्तान ने वियना संधि के समझौते के उल्लंघन के आरोपों का खंडन किया। पाक ने दावा किया कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था और उसने भारत के साथ सबूत साझा करने के साथ ही जांच में शामिल होने की अपील की थी। पाकिस्तान के वकील कुरैशी ने कहा कि जाधव ने ईरान के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश किया था और उसे बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया। जाधव के पास राजनयिक पहुंच की योग्यता नहीं है। वियना संधि ऐसे जासूस पर लागू नहीं होती जो आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा हो।