प्रोफेसर सुनैना सिंह ने सोमवार को बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने यह कार्यभार प्रभारी कुलपति और इतिहास अध्ययन संकाय के डीन प्रो. पंकज मोहन से ग्रहण किया। प्रो. सुनैना सिंह इससे पहले हैदराबाद स्थित द इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सिटी की कुलपति थीं।ये भी पढ़े: प्रसार भारती में कई पदों पर वैकेंसी, जल्द करें आवेदन
कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों से मुलाकात की और प्रशासन के साथ ही शिक्षाविदों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य नालंदा जैसे ऐतिहासिक और विश्ववन्द्य स्तर पर प्रशंसित संस्था का पुनर्निर्माण करना है। यह एक ऐसी चुनौती है, जो मुझे नालंदा विश्वविद्यालय की शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता का नया मानदंड स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगा। मेरा यह प्रयास रहेगा कि विश्वविद्यालय के विजन को साकार किया जाए।”
प्रो. पंकज मोहन ने कुलपति का प्रभार सौंपते हुए खुशी जाहिर की और कहा, “प्रोफेसर सुनैना सिंह के सशक्त और कुशल हाथों में विश्वविद्यालय का भविष्य
सुरक्षित है। इनके पास प्रशासनिक नेतृत्व का विशाल अनुभव है। मेरी ओर से इन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं।”
सुनैना सिंह कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित हैं। उन्हें वर्ष 2014 में शिक्षा के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया था। वर्ष 2016 में विश्व शिक्षा कांग्रेस ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली कुलपतियों में से एक का खिताब दिया था।
वह कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक समितियों की सदस्य हैं और शैक्षणिक व प्रशासनिक प्रणाली के पुनर्गठन और पुन: डिजाइन करने के चुनौतीपूर्ण कार्य में भी लगी रहती हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रो. सुनैना सिंह को मार्च में ही नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त किया था।