क्या बिहार में लालू यादव की आरजेडी और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के बीच दरार और भी गहरी हो गई है? इस सियासी कयास को उस वक्त और हवा मिल गई जब मंगलवार को लालू यादव के कई ठिकानों पर बेनामी संपत्ति के मामले में इनकम टैक्स विभाग का छापा पड़ने के बाद लालू यादव ने ट्वीट करके इसका जवाब दिया और लिख दिया, “लालू प्रसाद झुकने और डरने वाला नहीं है. जब तक आखिरी सांस है फांसीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ता रहूंगा.”ये भी पढ़े: सुशील मोदी: लालू की बेटी मीसा ने दिल्ली में करोड़ों की जमीन कौड़ियों में खरीदी
बात यहां तक तो ठीक थी लेकिन लालू यादव ने इसके आगे यह भी लिख दिया कि बीजेपी को नए गठबंधन के साथी मुबारक हों. क्या गठबंधन के नए साथी से उनका इशारा इस बात से था कि नीतीश कुमार बीजेपी के करीब आ रहे हैं? जब अटकलों का बाजार गर्म हुआ लालू यादव तो सामने नहीं आए लेकिन उनकी पार्टी की तरफ से यह सफाई दी गई कि लालू यादव का मतलब सीबीआई और दूसरी जांच एजेंसियों से था. लेकिन पार्टी की तरफ से आई इस सफाई से बात खत्म नहीं हुई.
जेडीयू के नेता भी समझ रहे हैं कि लालू यादव जानबूझ कर इशारों-इशारों में बात कर रहे हैं. लालू यादव के बयान के बारे में पूछे जाने पर जेडीयू के नेता के सी त्यागी ने कहा कि हम तो नए साथी की तलाश नहीं कर रहे हैं. लेकिन, लालू जी ने किस संदर्भ में क्यों यह बात कही है इसकी व्याख्या वह खुद कर सकते हैं. हम तो कई अवसरों पर अनकंफर्टेबल रहकर भी इस गठबंधन की उम्र पूरी करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में यह गठबंधन बना था वह बहुत बुरे दिन थे घर वापसी और असहिष्णुता का दौर चल रहा था. लेकिन के सी त्यागी इस बात को छुपाते नहीं है कि लालू यादव और उनके रंग-ढंग से वो लोग परेशान हैं. उन्होंने कहा कि जेडीयू के किसी नेता दल यूनाइटेड के किसी भी कार्यकर्ता ने आज तक लालू यादव के खिलाफ कुछ भी एक शब्द भी नहीं कहा. लेकिन अपने नेता के खिलाफ हम लगातार अशोभनीय शब्द सुन रहे हैं और बर्दाश्त कर रहे हैं.
के सी त्यागी ने कहा कि नीतीश और लालू का गठबंधन ऐसे समय पर हुआ था जब स्थिति बहुत खराब थी और असहिष्णुता से लेकर घर वापसी तक का बोलबाला था. लेकिन, गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर के सी त्यागी ने कहा कि अपनी तरफ से जेडीयू का गठबंधन को अंत तक निभाने की पूरी कोशिश करेगा.