लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वक्फ व हज मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा पर कब्रिस्तान बेचने का आरोप लगा है। इस आरोप से राजा कि मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
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बोर्ड ने रजा और उनके भाइयों पर आरोप लगाया है कि उन लोगों ने मिलकर सफीपुर उन्नाव की वक्फ संपत्ति जिसमें कब्रिस्तान भी शामिल है, को तीन हिस्से करके गैरकानूनी ढंग से बेच डाला।
यह जानकारी गुरुवार की शाम लखनऊ में बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी। उन्होंने बताया कि मसरूर हुसैन नकवी ने इस मामले में शिकायत की थी। बोर्ड द्वारा जांच करवाई गई।
जांच में शिकायत सही मिली। जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक वक्फ आलिया बेगम सफीपुर उन्नाव को मुतवल्ली मोहसिन रजा और उनके भाइयों ने अपनी माता को पावर आफ एटार्नी देकर तीन हिस्सों में बेच डाला गया। बेची गयी संपत्ति की रजिस्ट्री तीन हिस्सों में हुई।
पहली रजिस्ट्री वर्ष 2005 में, दूसरी 2006 और तीसरी 2011 में कराई गई। वसीम रिजवी के अनुसार बेची गयी वक्फ सम्पत्ति के एक खसरे में मोहसिन रजा के नाना-नानी और उनके माता-पिता की चार कब्रें भी हैं।
आपको बता दें कि कानून के अनुसार अगर किसी खसरे पर तीन से ज्यादा कब्रें हैं तो उसे कब्रिस्तान माना जाएगा इसलिए यह कब्रिस्तान को बेचे जाने का भी मामला है। उन्होंने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड उन्नाव के जिलाधिकारी से बेची गई वक्फ सम्पत्ति पर कब्जा वापस लेगा।
वहीं मोहसिन रजा का कहना है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि सारा सच सीबीआई जांच में खुद ही सामने आ जाएगा।
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