भारत और रूस विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं में अपना द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग बढ़ाएंगे। साथ ही स्थानीय एवं वैश्विक बाजार के स्तर पर एयरक्राफ्ट तथा ऑटोमोबाइल ज्वाइंट वेंचर स्थापित करेंगे। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच समझौते पर मुहर लगाई गई है।
दोनों देश मिलकर अन्य देशों के साथ व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देंगे। भारत के लिए यह समझौता काफी अहम माना जा रहा है। समझौते पर खुशी जताते हुए मोदी ने कहा कि इससे भारत-रूस संबंध और मजबूत होंगे।
मीटिंग के बाद पुतिन ने कहा कि हम दोनों की मुलाकात हमेशा गर्मजोशी से होती है और हमेशा महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग जताया जाता है और यह मीटिंग कोई अपवाद नहीं है। इसके अलावा दोनोें देशों ने रिएक्टरों का निर्माण भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और रूस के परमाणु संस्थानों की नियामक इकाई रोसाटॉम की सहायक कंपनी एटमस्ट्रॉय एक्सपोर्ट करेंगे। दोनों इकाइयों की उत्पादन क्षमता एक-एक हजार मेगावाट है।
भारत में सभी 22 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की मौजूदा बिजली उत्पादन क्षमता 6780 मेगावाट है। भारत और रूस के कुल 19 परियोजनाओं पर समझौता किया गया है। जिसका उद्देश्य परिवहन बुनियादी ढांचा, फार्मास्युटिकल्स, विमान और ऑटोमोबाइल विनिर्माण, हीरा उद्योग और कृषि सहित नई तकनीक के लिए संयुक्त उद्यम स्थापित करना है।