डिफेंस मिनिस्ट्री कर रही थी कंपनी से मोलभाव
मेल टुडे के मुताबिक, देश के रक्षा बजट में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण डिफेंस मिनिस्ट्री विदेशी कंपनी से जहां एक तरफ काफी मोलभाव कर रही हैं, वहीं मेक इन इंडिया को भी बढ़ावा दे रही हैं।
नेवी के लिए 16 हेलिकॉप्टर खरीदने पर अमेरिकी कंपनी सिकोर्स्की से दो साल से बातचीत चल रही थी, लेकिन प्राइस पर सहमति नहीं बन पाई, जिसकी वजह से डिफेंस मिनिस्ट्री ने डील को निरस्त करने का फैसला लिया है।
यूपीए सरकार ने किया था 2009 में करार
नेवी के लिए 16 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2009 में अमेरिकी कंपनी के साथ करार किया था। पिछले दो साल से मोदी सरकार कंपनी पर प्राइस कम करने को कह रही थी।
लेकिन कंपनी द्वारा प्राइस कम नहीं करने पर सरकार ने डील को कैंसिल कर दिया है। अब सरकार नेवी के लिए इन 16 हेलिकॉप्टरों का निर्माण 140 मल्टीरोल हेलिकॉप्टरों के साथ में करेगी। सरकार का प्लान है कि वो प्रमुख नेवल वॉरशिप को एक-एक मल्टीरोल हेलिकॉप्टरों से लैस कर दे।