अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद टीम इंडिया के लिए नए कोच की कवायद ने तेजी पकड़ ली है। एक वक्त को लगा की सीएसी की मुहर के बाद कुंबले अपने पद पर बने रहेंगे, मगर कुंबले का खत बीसीसीआई पर बम की तरह गिरा और साफ हो गया कि टीम के लिए नया कोच नियुक्त करना ही होगा।
मीटिंग का फैसला नहीं मानकर फाइनल में कोहली ने ली थी गेंदबाजी
चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान टीम इंडिया के नए कोच के लिए जब आवेदन मांगे गए, तो कप्तान विराट कोहली ने क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सामने अपने पसंद जाहिर कर दी। कोहली ने टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री को बतौर कोच अपनी पहली पसंद बताया था।
सीएसी ने एक बार फिर टीम इंडिया के कोच के लिए आवदेन मांगे हैं। डोडा गणेश, रिचर्ड पायबस, लालचंद राजूपत, टॉम मूडी और वीरेंद्र सहवाग के अलावा अब कोच की दौड़ में और नाम भी शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया खासतौर पर रवि शास्त्री के लिए फिर से शुरू हुई है।
बताया जा रहा है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के बाद टीम इंडिया के नए कोच का ऐलान हो सकता है। बताया जा रहा है कि सहवाग के पास कोचिंग का अनुभव नहीं है, जिसकी वजह से बोर्ड नाखुश है। बोर्ड के अनुसार तकनीकी रूप से सहवाग उपयुक्त इंसान नहीं हैं।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि शास्त्री को कोच बनाने का कोई मतलब नहीं है। बीते एक दशक से वो कमेंटेटर और एंकर बनने में व्यस्त रहे हैं। वो टीम की ट्रेनिंग में कही भी हिस्सेदार नहीं बने। यदि शास्त्री कोच बनते हैं, तो कहना होगा कि कप्तान विराट कोहली को अपनी पसंद का कोच मिल जाएगा।
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