पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने विश्वास व्यक्त किया है कि इस्लामाबाद और काबुल के बीच द्विपक्षीय संबंध कुछ निर्णय लेने के बाद बेहतर होंगे। नवाज शरीफ जल्द ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलेगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने पर जोर दिया जाएगा।अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के मौके पर राष्ट्रपति गनी के साथ अपनी हाल की बैठक का हवाला देते हुए शरीफ ने कहा कि दोनों पक्ष कुछ चीजें तय कर चुके हैं। अफगानिस्तान की ओर से लगातार पाकिस्तान पर आतंकवाद फैलाने के आरोप लग रहे हैं। इन पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘अब, हम और अफगानिस्तान दोनों को उन निर्णयों को लागू करना है… चीजें आगे बढ़ रही हैं और पारस्परिक समझौतों पर निर्णय लिये जा रहे हैं। इसके कार्यान्वयन से दोनों पड़ोसियों के संबंधों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।’
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रिपोर्टों के मुताबिक, अस्ताना की बैठक में शरीफ और राष्ट्रपति गनी, क्वाड्रिलेट्रल कोऑर्डिनेशन ग्रुप (क्यूसीजी) तंत्र और द्विपक्षीय चैनलों का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों के खिलाफ करने के लिए बातचीत कर चुके हैं। जल्द ही इस योजना पर अमल किया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान के धार्मिक स्थल लाल शाहबाज कलंदर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। पाक का मानना है कि इस हमले के पीछे जिन आतंकियों का हाथ है, उन्हें अफगान ने शरण दे रखी है।
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इसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ सभी सीमावर्ती बॉडर्स को बंद कर दिया, लेकिन 20 मार्च को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज और अफगान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हनीफ अतमार के बीच लंदन में हुई बैठक के बाद सीमाओं को फिर से खोला गया था।
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान वर्षों से एक-दूसरे पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन दोनों की देश इस आरोप से इनकार करते आए हैं। हालांकि इस बाद में कोई दो राय नहीं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों में आतंकी हमले होते रहे हैं।