चीन की वायुसेना को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स के नाम से जाना जाता है. सैन्य आंकड़े जुटाने वाली ग्लोबल फायर पावर डॉट कॉम के मुताबिक चीन की वायुसेना के पास कुल 2,955 एयरक्राफ्ट हैं. इसमें से 1,271 फाइटर एयरक्राफ्ट, 1,385 अटैक एयरक्राफ्ट, 782 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 352 ट्रेनर एयर क्राफ्ट, 206 अटैक हेलिकॉप्टर समेत कुल 912 हेलिकॉप्टर हैं, जबकि भारत के पास 676 फाइटर एयरक्राफ्ट, 809 अटैक एयरक्राफ्ट, 857 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 323 ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 16 अटैक हेलिकॉप्टर समेत कुल 666 हेलिकॉप्टर हैं. ऐसे में अगर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को छोड़ दें, तो चीन भारत से हर मामले में आगे है.
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भारत और चीन की थलसेना की तुलना
चीन की थलसेना को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्स के नाम से जाना जाता है. इसके पास 6,457 युद्धक टैंक, 4,788 बख्तरबंद लड़ाकू वाहन, 1,710 स्वचालित वाहन और 1,770 रॉकेट प्रोजेक्टर हैं , जबकि भारत के पास 4,426 युद्धक टैंक, 6,704 बख्तरबंद वाहन, 290 स्वचालित वाहन और 292 रॉकेट प्रोजेक्टर हैं. इस लिहाज से चीन की थलसेना भारतीय थलसेना से ज्यादा शक्तिशाली है.
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भारत के पास चीन से ज्यादा एयरक्राफ्ट कैरियर
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर, 51 युद्धपोत, 36 विध्वंसक, 35 जंगी जहाज, 68 पनडुब्बी, 220 पेट्रोल क्राफ्ट, 31 माइन वारफेयर पोत हैं. चीन ने बुधवार को ही अपने सबसे बड़े विध्वंसक टाइप-055 को लॉन्च किया था. वहीं, भारत के पास तीन एयरक्राफ्ट कैरियर, 14 युद्धपोत, 11 विध्वंसक, 23 जंगी जहाज, 15 पनडुब्बी, 139 पेट्रोल क्राफ्ट और छह माइन वारफेयर पोत हैं.
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एयरक्राफ्ट कैरियर के मामले में भारत चीन से आगे है. इस कड़ी में हम सबसे पहले दोनों देशों की सैन्य ताकत का विश्लेषणात्मक तुलना करेंगे.