मोशे होल्त्जबर्ग की उम्र तब केवल दो साल की थी, जब 2008 के मुंबई हमले में उसने अपने मां-बाप को खो दिया. मोशे के लिए ये मुश्किल वक्त था… लेकिन उसकी जिंदगी में अब एक और बड़ा मौका आने वाला है. मोशे अब दस साल का हो गया है और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे मिलने के लिए बुलाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जुलाई से इजरायल के दौरे पर जा रहे हैं, जहां येरूशलम में मोशे उनसे मिलेगा.
मोशे के परिजनों ने कहा- हमारे दुख में साझीदार हैं भारतीय
मोशे के दादा-दादी और उसकी देखभाल करने वाली भारतीय नैनी (आया) के लिए यह भावुक कर देने वाला पल है. मोशे के परिवार ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के न्यौते से महसूस हुआ है कि भारतीय भी हमारे दुख में साझीदार हैं और वे हमें भूले नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोशे की भारतीय नैनी सांद्रा सैमुअल्स से भी मिलेंगे. नरीमन हाउस में आतंकी हमले के दौरान सांद्रा ने मोशे को बचाने में अहम भूमिका निभाई. मोशे और उनके दादा-दादी शिमोन और येहूदीत रोसेनबर्ग को लेकर सांद्रा नरीमन हाउस से भाग निकलीं.
भारतीय उच्चायुक्त ने फोन कर दिया न्यौता
शिमोन रोसबर्ग ने पीटीआई से कहा कि जब हमें भारतीय उच्चायुक्त की ओर से फोन आया, तो मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमसे मिलना चाहते हैं. मेरी पहली प्रतिक्रिया थी कि भारतीय हमें भूले नहीं हैं और हमारे दुख में साझीदार हैं. रोसेनबर्ग ने आगे कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के बुलावे से मिलने वाली अनुभूति को बता पाना संभव नहीं है. हम इस मौके की ओर देख रहे हैं.
मुंबई में होगा मोशे का बार मित्जाह
मोशे के दादा से जब पूछा गय़ा कि भारतीय प्रधानमंत्री से मिलने पर वे उनसे क्या कहेंगे, तो रोसेनबर्ग ने कहा कि हम अपने पोते का मुंबई में बार मित्जाह करना चाहते हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाना चाहते हैं. बार मित्जाह एक तरीके से उपनयन संस्कार की तरह होता है, जो 13 साल की उम्र में इजरायली बच्चों का होता है.
रोसेनबर्ग ने कहा कि हमें महसूस होता है कि मुंबई में हमारा घर है और वहां परिवार भी है. अगले ढाई सालों में मोशे का बार मित्जाह हम मुंबई में करना चाहते हैं और चाहते हैं कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएं.
मुंबई हमले में मारे गए मोशे के मां-बाप
मोशे की मां रीवका और पिता गेवरियल होल्त्जबर्ग मुंबई के चाबाद हाउस में दूत के रूप में काम करते थे. मुंबई हमले के दौरान नरीमन हाउस में घुसे लश्कर के आतंकियों ने रीवका और गेवरियल सहित 6 लोगों को मार दिया था. 2008 में हुए मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे. चाबाद हाउस के नाम से मशहूर नरीमन हाउस उन पांच स्थानों में से एक था जहां आतंकियों ने हमला किया था.
भारतीय आया सांद्रा के साथ है मोशे का खास लगाव
मोशे अब 10 साल का हो गया है और धार्मिक स्कूल येशिवा जाता है. अपनी आया सांद्रा के साथ मोशे का बहुत लगाव है, जो येरूशलम में काम करती हैं और सप्ताह के आखिर में मोशे के परिवार से मिलने जाती हैं. मोशे के दादा ने बताया कि सांद्रा को देखकर वह बहुत खुश हो जाता है और पूरे वीकेंड पर उसके साथ खेलता रहता है.
सांद्रा को मिली है इजरायल की नागरिकता
मोशे और उसके दादा-दादी को बचाने के लिए सांद्रा ने अपनी जान खतरे में डाल दी थी. सितंबर 2010 में सांद्रा को इजरायल की मानद नागरिकता से सम्मानित किया गया. पूरे सप्ताह के दौरान सांद्रा इजरायली बच्चों के साथ काम करती हैं और वीकेंड पर मोशे के परिवार के साथ वक्त बिताने उत्तरी इजरायल चली जाती हैं. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोशे की मुलाकात का वक्त और जगह तय नहीं है, लेकिन इसके येरूशलम में ही होने की उम्मीद है.