जीएसटी से सूक्ष्म, लघु और मझौले उपक्रमों(MSME) को इनपुट क्रेडिट और सरल कर व्यवस्था से प्रतिस्पर्धा क्षमता बढाने में मदद मिलेगी और उनके लिए बड़ी इकाइयों के समान कारोबारी अवसर भी बढ़ेंगे. उद्योग मंडल एसोचैम और अश्विन पारेख एडवाइजरी की एक संयुक्त अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार माल एवं सेवा कर से बाजार विस्तार होगा तथा लॉजिस्टिक के खर्चे तथा एमएसएमई के लिए यह वरदान साबित होगा.ये कंपनी ने सभी फीचर फोन पर 100 दिन की रिप्लेसमेंट वारंटी की घोषणा…
रिपोर्ट के मुताबिक एमएसएमई इकाइयों पर जीएसटी के अनुपालन का दबाव होगा और इसमें उन्हें खर्च भी करना होगा क्यों कि इस नई कर प्रणाली का उद्येश्य कर आधार बढ़ाना है.
देशी उद्योगों की बढ़ेगी क्षमता
जीएसटी से निम्न कर, निर्बाध इनपुट टैक्स क्रेडिट और लॉजिस्टिक्स खर्च में बचत का युग आएगा तथा बाजार एक बहुत बड़ा हिस्सा संगठित कारोबार का रूप लेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे भारतीय एमएसएमई इकाइयां चीन, फिलीपीन और बांग्लादेश जैसे सस्ते लागत वाले विनिर्माण केंद्रों की इकाइयों से अधिक अच्छी तरह मुकाबला कर सकेंगी.
GST एक जुलाई से हुआ था लागू
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पूरे देश में 1 जुलाई से माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू किया था. इसके साथ ही देश में लग रहे 17 कर खत्म हो गए. मोदी सरकार ने इसे एक देश एक कर का सपना पूरा होना बताया. सरकार ने कर के लिए 4 स्लैब तय किए हैं.
व्यापारियों का विरोध-प्रदर्शन जारी
जीएसटी को कारोबार के लिए नुकसानदायक बताते हुए कई शहरों में कारोबारियों की हड़ताल जारी है. गुजरात में सूरत समेत कई जिलों में कारोबारियों ने जीएसटी के विरोध में रैली निकाली. कांग्रेस समेत तमाम दलों ने भी मोदी सरकार पर बिना तैयारी के जीएसटी लागू करने का आरोप लगाया है. इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और आम लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी.