राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए परिवार की अधिकतम आय सीमा बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। समाज कल्याण विभाग ने ढाई लाख रुपये तक सालाना आमदनी वाले परिवारों को योजना के दायरे में लाने का प्रस्ताव भेजा था, पर बजट की स्थिति को देखते हुए ऐसा न करने का फैसला किया गया।यूपी सरकार ने 729 हत्या, 60 डकैती और रेप के 803 केस पर दिया बड़ा बयान….
अभी प्रदेश में दो लाख रुपये तक सालाना आमदनी वाले परिवारों के विद्यार्थियों को ही इस योजना का लाभ मिलता है।
केंद्र सरकार ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ शुल्क भरपाई की सुविधा देती है। यही आय सीमा यूपी में भी लागू करने की लंबे समय से मांग की जा रही है।
हर साल 3400 करोड़ खर्च करती है सरकार
यहां बता दें कि मौजूदा समय इस मद में सरकार हर साल करीब 3400 करोड़ रुपये खर्च करती है। आय सीमा बढ़ाने का फायदा तभी मिलेगा, जब बजट में भी कम से कम 500-600 करोड़ रुपये की वृद्धि की जाए।
शासन ने अपनी मंशा से निदेशालय को अवगत करा दिया है, जिसके बाद आय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि आय सीमा ढाई लाख रुपये सालाना करने के प्रस्ताव पर सरकार अगले वित्त वर्ष में विचार कर सकती है, क्योंकि तब खजाने पर किसानों की कर्जमाफी का भार नहीं होगा।