सहारनपुर हिंसा पर सदन में न बोल पाने के कारण बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बुधवार को राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. तीन पेज का अपना इस्तीफा उन्होंने सभापति से मिलकर दिया लेकिन इस पर अभी तक फैसला नहीं लिया गया. माना जा रहा है कि उनके द्वारा दिया गया इस्तीफा तयशुदा प्रारूप में नहीं है.
मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया.
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मायावती के राज्यसभा से इस्तीफे को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने वाजिब और स्वभाविक बताते हुए कहा कि बीजेपी दलित विरोधी पार्टी है. लालू ने यह भी कहा, ‘मायावती चाहेंगी तो हम बिहार से उन्हें दोबारा राज्यसभा भेजेंगे.’
वहीं, बीजेपी ने राज्यसभा से इस्तीफा देने पर मायावती को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनका यह कदम ‘ड्रामा’ है, जिसका मकसद भावुकता के जरिये ‘भ्रम’ पैदा करना है. नई दिल्ली में बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि लोग अब मायावती से गुमराह नहीं होने वाले हैं.
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