नई दिल्ली। भारत को इसका पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट देने वाले इसरो के पूर्व प्रमुख यूआर राव का 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने सोमवार अल सुबह अंतिम सांस ली। दिल की बीमारी से पीड़ित राव को कुछ समय पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन उनकी हालत में सुधार रहीं हुआ।
उन्हें केंद्र सरकार ने इसी साल पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा था जबकि 1976 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान दिया गया था। उनके निधन पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट किया है। पीएम ने लिखा है कि यूआर राव के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनका भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान अतुलनीय है।
उडुपी राव ने 1972 में उपग्रह प्रौद्घोगिकी की स्थापना की जिम्मेदारी ली थी। 1975 में उनके ही नेतृत्व में भारत ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। तब से लेकर देश के मार्स ऑर्बिटर मिशन तक उनका योगदान रहा।
यूआर राव का जन्म कर्नाटक के अडामारू में 10 मार्च 1932 को एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने ही देश में प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी का भी विकास तेज किया और उसी का नतीजा था कि 1992 में एएसएलवी का सफल प्रक्षेपण किया गया।
पूर्व इसरो चीफ फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस के चांसलर की जिम्मेदारी निभा रहे थे। पिछले कुछ सालों में वो कईं उच्च पदों पर रहे और उन्हें 10 अंतरराष्ट्रीप अवार्ड मिले हैं। उन्होंने 1984-94 तक इसरो को अपनी सेवाएं दीं।