अखबारों में रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने की खबर पढ़कर उनके बचपन के दोस्त विद्यासागर शर्मा बीएनएसडी इंटर कॉलेज पहुंचे। प्रिंसिपल और स्टूडेंटों को उस दौर के फोटो दिखाए और संस्मरण सुनाए। विद्यासागर सेना से रिटायर हो चुके हैं और दो बार के राष्ट्रपति पदक विजेता हैं।
शर्मा ने बताया कि दोनों में गहरी दोस्ती थी। 1959-60 में हाईस्कूल साथ किया। इसके बाद वो सेना में भर्ती हो गए। बताया कि कोविंद पढ़ाई में बहुत तेज थे। वो धोती पहन कर स्कूल आते थे। कहा हम दोनों ही बहुत गरीब परिवारों से थे। गरीबी के चलते उनकी शर्ट जब फटी होती थी तो उसे छिपाने के लिए गर्मियों में भी कोट पहन कर आते थे। इस पर साथी उन पर हंसा करते थे। हम उन्हें यह भी नहीं बता पाते थे कि कोट पहनना हमारी मजबूरी थी।
कोविंद नमक-रोटी लाते थे, कभी हम रोटी-अचार लाते थे। शिक्षकों का इतना सम्मान था कि बगल से अगर निकल जाएं तो हम लोग छिप जाते थे। उन्होंने बताया कि सेना में भर्ती होने के बाद 1965 और 1971 के दो युद्ध लड़े। दोनों में ही राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। कहा, शहीद वीर अब्दुल हमीद उनकी ही बटालियन में थे। वर्तमान में वे सैनिक विहार बर्रा बाईपास में रहते हैं। उन्होंने प्रिंसिपल डॉ. रामचंद सिंह को उस वक्त की ग्रुप फोटो दिखाए जिसमें कोविंद समेत पूरी क्लास तत्कालीन प्रिंसिपल मौजूद हैं। साथ ही पदक भी दिखाए।