किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर जेल भरो आंदोलन के तहत बुधवार को जिला सचिवालय के आगे गिरफ्तारियां देने पहुंचे सीपीआई नेताओं की पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक हुई। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया। पुलिस की इस कार्रवाई में कई नेताओं और वर्करों को चोटें आईं हैं। बात तब बिगड़ी जब पुलिस ने जिला सचिवालय का गेट बंद कर प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका।
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इस बीच वहां पहले से ही थाना सिटी प्रभारी इंस्पेक्टर गुरप्रीत सिंह और थाना सदर प्रभारी इंस्पेक्टर रुमेशपाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। जिला सचिवालय के आगे गिरफ्तारी के लिए पहुंचे वर्करों को पुलिस ने न तो गिरफ्तार किया और न ही उन्हें आगे बढ़ने दिया। इस दौरान पार्टी वर्कर जिला सचिवालय गेट पर चढ़ गए और जिला सचिव में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। उन्हें ऐसा करता देख पुलिस ने अंधाधुंध लाठियां बरसानी शुरू कर दी।
पार्टी के नेताओं की मानें तो पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज में सीपीआई नेता सुखजिंदर महेसरी, प्रकट बधनी और जगसीर खोसा को चोटें आई हैं। उधर, कुलदीप भोला और सूरत सिंह धर्मकोट सरीखे नेताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है। इस मौके पर बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट तैनात तहसीलदार लखविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पुलिस को लाठीचार्ज करने का कोई आदेश नहीं दिया था।
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जिला सचिवालय पहुंचने से पहले की रैली
प्रदर्शनकारियों ने जिला सचिवालय के आगे गिरफ्तारियां देने पहुंचने से पहले बस अड्डे पर रैली की। रैली को कुलदीप भोला, जगदीश सिंह चाहल, सूरत सिंह धर्मकोट, बलकरन मोगा ने संबोधित किया। उन्होंने केंद्र और पंजाब सरकार की आलोचना करते कहा कि सरकारें किसानों-मजदूरों के समूचे कर्ज माफी के वादों से भाग रही हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है, जिससे किसानों में हताशा बढ़ रही है और वे आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि किसानों, खेत मजदूरों, दस्तकारों के कर्ज माफी की मांग करते हुए बेरोजगार नौजवानों को रोजगार, 60 साल से अधिक उम्र वाले हर व्यक्ति को 10 हजार रुपये मासिक पेंशन, गरीबों को मकान बनाने के लिए 10 मरले का मुफ्त प्लाट और बिना ब्याज कर्ज दिया जाए।