लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम लेकर एक युवक ने डीएम कानपुर और उप श्रमायुक्त को फोन किया। फोनकर्ता ने कानपुर की एक आरएसपीएल ग्रुप के सभी प्रतिष्ठानों पर फौरन छापेमारी करने का आदेश दिया और छापेमारी की कार्रवाई से बाद में अवगत कराने के लिए कहा।
फोनकर्ता की बात सुन डीएम कानपुर को कुछ शक हुआ। उन्होंने छानबीन करायी तो पता चला कि फोनकर्ता का सीएम से कोई लेनादेना ही नहीं है। सर्विलांस की मदद से छानबीन हुई तो फोनकर्ता लखनऊ के अलीगंज का निकला। इसके बाद डीएम कानपुर ने एसएसपी लखनऊ को इस बारे में बताया। अब इस संबंध में डीएम कानपुर की शिकायत पर अलीगंज पुलिस ने फोनकर्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है।
बताया जाता है कि 26 जुलाई को कानपुर मण्डल के उपश्रमायुक्त आरके मिश्र के पास सबसे पहले एक फोन आया। फोनकर्ता ने अपना नाम राकेश बताया। उसने आरके मिश्र को जानकारी दी कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने फौरन ही आरपीएसपीएल गु्रप के सभी प्रतिष्ठानों पर छापेमारी का आदेश दिया है। साथ ही उसने यह भी कहा कि छापेमारी के दौरान की गयी सारी कार्रवाई से अवगत भी कराया जाये। इसके बाद फोनकर्ता ने डीएम कानपुर सुरेन्द्र सिंह को भी फोन किया। फोनकर्ता ने डीएम कानपुर से भी वहीं सारी बातें कहीं तो उप श्रमायुक्त से कहीं थी।
डीएम कानपुर को फोनकर्ता की बातोंं पर शक हुआ। उन्होंने फोनकर्ता के बारे में एसएसपी कानपुर को बताया। सर्विलांस की मदद से छानबीन की गयी तो पता चला कि फोनकर्ता ने जिस सिमकार्ड का प्रयोग किया है वह अलीगंज के सेक्टर आर के रहने वाले हसन के नाम पर है और वह सिमकार्ड 5 मई वर्ष 2017 से चल रहा है। सिर्फ इतना ही ने फोनकर्ता के नम्बर को जब ट्रू कालर पर डालकर चेक किया गया तो उसमें नाम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का लिखकर आया और साथ में ही उनके सरकारी 5 कालीदास मार्ग का पता भी था।
छानबीन के बाद यह साफ हो गया कि फोनकर्ता को सीएम से कोई लेनादेना नहीं है। वह यूपी के सीएम का नाम लेकर अधिकारियों पर झूठा दवाब बना रहा है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम कानपुर ने इस बात की शिकायत एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार से की। इसके बाद इस संबंध में डीएम कानपुर की शिकायत पर अलीगंज पुलिस ने हसन नाम के व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 170ए 182 और 416 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली। फिलहाल अलीगंज पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।