एक स्वस्थ शरीर में 6 तरह के रस होना चाहिए, मीठा, खारा, खट्टा, तीखा, कषाय और कड़वा. इनमे से हम पांच रस का तो अच्छी तरीके से सेवन करते है किन्तु कड़वा नहीं खाते है. करेला कड़वा होता है, इसका छिलका नहीं उतारना चाहिए. 10 से 15 दिन में एक बार करेला खाना सेहत के लिए अच्छा होता है.
इस तरह की बीमारियों में दवा की तरह काम करता है गाय का घी…
करेले में अन्य सब्जी या फल की तुलना में अधिक औषधीय गुण होते है. यह आसानी से पच जाता है. करेले में काफी मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट,फास्फोरस और विटामिन पाया जाता है. लीवर संबंधी बीमारियों में करेला काफी फायदेमंद है. करेले के सेवन से खून साफ होता है और इससे हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है. करेला डाइजेशन सिस्टम को एक्टिव रखता है, जिससे भूख बढ़ती है.
यदि वजन कम करना चाहे तो करेले के रस को नींबू के रस के साथ पानी में मिला कर पिए. लकवा के मरीजों के लिए करेला काफी फायदेमंद होता है. कफ होने पर करेले का सेवन करे, इसमें फास्फोरस होता है जो कफ को दूर करता है. बवासीर होने पर एक चम्मच करेले के रस में आधा चम्मच शक़्कर मिला कर एक महीने तक खाए, आपको फायदा मिलेगा.
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