एक अच्छे कोर्स में डिग्री पाने के बाद हर स्टूडेंट चाहता है कि उसकी अच्छी नौकरी लगे. जरा सोच कर देखिए अगर आपने अच्छे कॉलेज से पढ़ाई की है तो जाहिए सी बात है आप एक अच्छे लेवल की नौकरी भी तलाशेंगे.IGNOU : एडमिशन की तिथि में हुआ बड़ा बदलाव, अब 18 अगस्त तक ही होगा दाखिला
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्टूडेंट की कहानी बताने जा रहे हैं जो IIM अहमदाबाद से MBA करने के बाद किसी मल्टीनैशनल कंपनी या विदेश में कोई जॉब करने की बजाय अपने राज्य बिहार लौट आए और किसानों के साथ मिलकर सब्जी बेचने का बिजनेस करने लगे.
क्या है वजह
IIM जैसे देश के टॉप मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से एमबीए करने के बाद कोशलेंद्र ने नौकरी ना करने की बजाय अपने राज्य बिहार में काम करने का रास्ता चुना.इसकी सबसे बड़ी वजह थी यहां के लोगों को रोजगार मुहैया कराना. इसलिए उन्होंने किसानों के साथ मिलकर सब्जी बेचने का एक ऐसा बिजनेस शुरू किया जिसकी मदद से खड़ी कर ली 5 करोड़ की कंपनी.
इस इंजीनियर ने छोड़ा लाखों का पैकेज, शुरू किया चाय बेचने का काम
कंपनी बनी किसानों के लिए रोजी-रोटी का साधन
कोशलेंद्र की एग्री बिजनेस कंपनी का टर्नओवर पांच करोड़ से ज्यादा है और सबसे खास बात यह कि उनकी यह कंपनी लगभग 20,000 किसानों की मदद कर रही है और उनकी रोजी-रोटी का साधन बन गई है. आपको बतादें बिहार के नालंदा जिले के मोहम्मदपुर गांव में जन्में कौशलेंद्र अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. उनके माता-पिता गांव के स्कूल में ही टीचर हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कौशलेंद्र का कहना है कि ‘मेरा हमेशा से यही मानना था कि बिहार की स्थिति तभी बदल सकती है जब यहां के किसानों की स्थिति में सुधार होगा. वहीं उनका मानना है कि किसानों में युनिटी नहीं जिस वजह से किसान ग्रोथ नहीं कर पा रहे है.
इसलिए MBA की पढ़ाई खत्म करने के बाद वह वापस पटना आ गए और यहां अपने भाई धीरेंद्र कुमार के साथ 2008 में कौशल्या फाउंडेशन नाम से एक कंपनी बनाई. 20 हजार से ज्यादा किसान परिवारों की जिंदगी उनकी कंपनी से जुड़ी हुई है. साथ ही लगभग 700 लोग इस कंपनी में नौकरी भी करते हैं.