जिले में इंडियन ऑयल (आईओसी) की गैस एजेंसियों पर रसोई गैस सिलेंडर की भारी किल्लत हो गई है। प्लांट से ही सभी एजेंसियों को मानक से कम सिलेंडरों की आपूर्ति हो रही है, जिससे बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। यह सिलसिला करीब 10 दिनों से चल रहा है। 14 और 15 अगस्त को दो दिन लगातार आपूर्ति न होने से बुधवार से संकट और बढ़ गया। बताया जा रहा है कि बाढ़ से संकट और गहरा सकता है। हालांकि आईओसी के अफसरों का कहना है कि अभी थोड़ी ही दिक्कत है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। बड़ी खबर: तो अब मुंबई भी पहुँच गया ‘चोटीकटवा’, कटी दो चोटियाँ, लोगो में छाया खौफ
गोरखपुर की एजेंसियों को लखनऊ, वाराणसी और कानपुर से सिलेंडर मिलता है। इनमें भी ज्यादातर सिलेंडर की सप्लाई लखनऊ के प्लांट से होती है। पांच अगस्त के बाद से ही यहां की एजेंसियों को मांग से आधी ही सप्लाई मिल रही है। जिन एजेंसियों पर रोजाना तीन गाड़ी के सिलेंडरों की खपत है, उन्हें एक गाड़ी ही माल मिल रहा है और जिनकी खपत एक गाड़ी की है उन्हें दो से तीन दिन में एक ट्रक ही सिलेंडर मिल पा रहा है। सात से 10 दिनों में जब होम डिलीवरी की सुविधा नहीं मिल रही है तो उपभोक्ता एजेंसी पहुंच जा रहे हैं। वहां भी आधे लोगों को ही सिलेंडर मिल पा रहा है। सर्वाधिक दिक्कत ग्रामीण इलाकों में है। वहां तो करीब पखवारे भर से अधिक का बैकलॉग चल रहा है।
एजेंसी संचालकों और उपभोक्ताओं में हो रही नोंकझोंक
कई एजेंसियों पर सिलेंडर न मिलने पर संचालकों और उपभोक्ताओं में तीखी नोंकझोंक हो जा रही है। उपभोक्ताओं का कहना है कि पिछले महीने तक सिलेंडर समय से मिल जाता था, मगर इस बार बुकिंग के 15 दिन बाद भी नहीं मिल रहा है। वहीं तीन एजेंसी संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्लांट से सिलेंडर ही नहीं मिल रहा है। अफसरों के भय से पहले तो इसे दबाने का प्रयास किया गया, मगर हालात सही न होने पर अब तो उपभोक्ताओं से भी बता दिया जा रहा है कि प्लांट से ही सिलेंडर नहीं मिल रहा। मगर उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा। वे यकीन ही नहीं कर रहे कि अचानक किल्लत बढ़ गई।
बारिश बताई जा रही किल्लत की वजह
अचानक रसोई गैस की किल्लत क्यों बढ़ी, इसकी वजह आईओसी समेत एजेंसी मालिक भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश से लकड़ी आदि का विकल्प खत्म हो जाने से हर किसी की निर्भरता रसोई गैस पर हो गई। इससे किल्लत बढ़ गई। उज्ज्वला कनेक्शन वाले तमाम लोग अब भी लकड़ी पर ही खाना बनाते हैं। बारिश से लकड़ी न मिलने या भीग जाने से अब वे भी गैस का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
एचपी और बीपीसीएल में स्थिति सामान्य
रसोई गैस की समस्या सिर्फ आईओसी की ही एजेंसियों पर है। एचपी और बीपीसीएल की गैस एजेंसी पर आपूर्ति सामान्य है। जहां आईओसी की एजेंसियों पर लंबी लाइन लग रही है वहीं शहर में एचपी और बीपीसीएल के गैस एजेंसियों पर आराम से रसोई गैस सिलेंडर मिल रहे हैं।
कोट-
रसोई गैस सिलेंडर की थोड़ी दिक्कत है, मगर ज्यादा नहीं। बारिश से कहीं रोड टूट चुकी है तो कहीं कुछ और समस्याएं हैं। दो से तीन दिन में समस्या सही हो जाएगी। ग्रामीण इलाकों में समय से बुकिंग नहीं कराने से वहां बैकलाग थोड़ा अधिक हो गया होगा, मगर वहां भी जल्द ही आपूर्ति व्यवस्था सही करा दी जाएगी।