गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक बच्चों की मौत का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में दो जनहित याचिकाएं अधिवक्ता सुनीता शर्मा और समाजसेवी व पूर्व पार्षद कमलेश सिंह की ओर से दाखिल की गईं हैं। इसमें घटना की न्यायिक जांच और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की गई है।अभी अभी: केंद्रीय गृहमंत्री सिंह ने किया बड़ा ऐलान, कहा- 2022 तक आतंकवाद और नक्सलवाद का हो जाएगा खात्मा…
शुक्रवार को जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में लीपापोती करने की कोशिश की गई। सही तथ्य छिपाते हुए जिम्मेदारों की करतूत पर पर्दा डाला गया। इस वजह से जिम्मेदारों के बयान भी बदलते रहे।
याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की पीठ ने अब इस बारे में योगी सरकार से सवाल किया है कि हादसे के असली कारणों का खुलासा किया जाए। मामले में अगली सुनवाई अब 29 अगस्त को होगी।
याचिकाओं में कहा गया है कि 10 और 11 अगस्त को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से करीब 67 बच्चों की मौत हो गई। इस मामले में अस्पताल प्रशासन और ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के साथ ही बड़े अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी को भी याचिका में आधार बनाया गया है। पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की गई है।