मुंबई. पत्नी की हत्या के आरोपी प्रोफेसर को ठाणे की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पत्नी की बेरुखी से नाराज प्रोफेसर ने उसके साथ-साथ अपने नौ साल के बेटे की भी जान ले ली और खुद भी आत्महत्या की कोशिश की थी। घटना के चश्मदीद दंपत्ति के दूसरे बेटे का बयान आरोपी को सजा दिलाने में अहम साबित हुआ।
प्रोफेसर संजय उंबरकर (51) अपनी पत्नी स्वाती (40), बेटे अथर्व (9) और ऋग्वेद (15) के साथ ठाणे में रहता था। दो जुलाई 2012 की रात उनके घर के बाहर पड़ोसियों के बीच झगड़ा हो रहा था। लोगों की आवाज सुनकर पत्नी स्वाती घर के बाहर आने लगी तो संजय ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानी। थोड़ी देर बाद पत्नी अंदर आई तो नाराज संजय ने कोयते से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी।
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स्वाती की आवाज सुनकर बेटा अथर्व भी बेडरूम में आ गया तो निर्दयी पिता ने वार कर उसकी भी जान ले ली। दंपत्ति का दूसरा बेटा ऋग्वेद पिता की करतूत देख रहा था और उसने बेडरूम में दाखिल होने का प्रयास किया तो संजय ने उसे बाहर धक्का दे दिया और खुद आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन बच गया।
कापूरबावड़ी पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी संजय को गिरफ्तार कर लिया था। करीब पांच सालों तक चली सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा कई सबूत पेश किए गए। ठाणे जिला व सत्र न्यायालय में सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों, बेटे ऋग्वेद और पड़ोसियों की गवाही तथा सरकारी अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश पीआर कदम ने संजय को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।