बिहार में शराबबंदी के बावजूद राज्य पूरी तरह से शराब मुक्त नहीं हो पा रहा है। बिहार पुलिस ने राज्य ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मैनेजर और एक अधिकारी को गया में एक गोदाम से शराब चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए पहुंची फेमस फिल्म स्टार पाखी हेगड़े….
गौरतलब है कि बिहार में शराब बैन को एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। पिछले साल एक अप्रैल, 2016 को राज्य में पहले चरण की शुरुआत की गई थी। जिसके बाद कहा जा रहा था कि राज्य में शराबबंदी के अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने बिहार में शराबबंदी के फैसले को गलत बताते हुए नीतीश सरकार के शराबबंदी के फैसले पर रोक लगा दी थी। 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू की गई थी। यह कानून बेहद कड़ा बनाया गया था। नीतिश कुमार इस एजेंडे को बिहार के साथ दूसरे राज्यों में भी लेकर जा रहे थे।
पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया था कि शराब पीने और घर में रखना किसी भी तरह की सजा के दायरे में नहीं आता। जिसके बाद नीतीश सरकार ने नियमों में बलदलाव करने हुए शराबबंदी पर एक बार फिर रोक लगा दी। रोक के बावजूद कई बार राज्य में अवैध तरीके शराब बेचते पायी गई है।