मध्यप्रदेश के स्कूलों में शनिवार सुबह ‘मिल बांचें’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मिडिल स्कूल मैनिट के बच्चों से रूबरू हुए। सीएम ने बच्चों को तोते और बहेलिए की कहानी सुनाई और लालच से बचने की सीख दी। उन्होंने बच्चों को महाभारत की कहानी भी सुनाई और हमेशा सच बोलने और माता-पिता का आदर करने को कहा। इस दौरान उन्होंने बच्चों से किताब पढ़वाई और गणित के सवाल भी पूछे। इसके बाद समन्वय भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि बच्चों को डरा धमकाकर नहीं पढ़ाया जा सकता। बच्चे ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार हैं। बच्चों के साथ बैठकर उन्हें प्यार से सिखाएं और समझाएं।कड़ी सुरक्षा में फेल हुई पुलिस, इन कारणों से दिल्ली में हिंसक हुए बाबा के भक्त….
प्रदेशभर में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में मंत्री, विधायक, अधिकारी सहित 2 लाख 15 हजार 220 वॉलेंटियरों ने बच्चों को पढ़ाया। इनमें 10 पद्मश्री उपाधि से सम्मानित समाजसेवी, ख्यातिप्राप्त पूर्व ओलंपियन, साहित्यकार और पर्वतारोही शामिल हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्यक्रम में 70 आईएएस अफसरों की ड्यूटी लगाई है। ये सभी अफसर भोपाल जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में जाएंगे और 40 से 50 मिनट बच्चों के बीच रहे।
स्कूली बच्चों में भाषा की समझ विकसित करने, स्कूलों में समुदाय की सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार ने इसी साल से ‘मिल बांचें’ कार्यक्रम शुरू किया है। 18 फरवरी के बाद ये दूसरा मौका है, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और अफसर सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों से रूबरू हुए।
ख्यात लोगों ने पढ़ाया
जनक पलटा और विजयदत्त श्रीधर, पद्मश्री, पप्पू यादव व कृपाशंकर पटेल कुश्ती के खिलाड़ी, रत्नेश पांडे पर्वतारोही, नुजहत परवीन व अमय खुरासिया क्रिकेट खिलाड़ी, रुबीना खान, जुबेदा खातून और आयशा नईम आदि अलग-अलग स्कूलों में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इनके साथ ही कार्यक्रम के तहत 986 डॉक्टर, 861 वकील, 1027 इंजीनियर, 7350 गृहिणी, 24 हजार 787 छात्र, 4904 रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारी, 392 खिलाड़ी और 12 हजार 32 व्यापारी भी बच्चों को पढ़ाने स्कूल पहुंचे।