राम रहीम को बलात्कार के मामले में सजा होने के बाद नकली और असली बाबाओं पर नई बहस छिड़ गई है. मामले में बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का कहना है कि संत के भेष में कुछ लोग धर्म और आस्था के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाने में लगे हैं. सबसे ताजा उदाहरण राम रहीम का है, जिसने भोली-भाली जनता को आस्था और धर्म के नाम पर बेवकूफ बनाकर उनका शोषण किया, जिसका नतीजा सामने है.नया फरमान: अब क्लास में यस सर की जगह बच्चों को कहना होगा जय हिंद!
आजतक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसे ही रामपाल ने भी संत का चोला पहनकर आस्था और धर्म के नाम पर पाखंड किया. अब वक्त आ गया है कि ऐसे नकली बाबाओं को बेनकाब करना चाहिए. उनके पाखंड को उजागर करना चाहिए, ताकि आस्था और धर्म के नाम पर बेवकूफ बनाने वाले लोगों से बचा जा सके.
साक्षी महाराज का कहना है कि संत के भेष का लाभ उठाकर आस्था और धर्म के नाम पर जो लोग ऐसा घिनौना काम और पाखंड करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही ऐसे लोगों को चिन्हित करके उजागर करना चाहिए. उनके खिलाफ लोगों को सामने आना चाहिए. ऐसे लोग समाज के लिए अभिशाप और कलंक है.
भाजपा सांसद का तो यहां तक कहना है कि कुछ राजनेताओं द्वारा ऐसे लोगों को प्रोत्साहन देने की वजह से जनता भी उनके बहकावे में आ जाती है, जोकि नहीं होना चाहिए. BJP सांसद का यह भी कहना है कि इस तरह का पाखंड समाज में हमेशा से रहा है और समय-समय पर उजागर भी होता रहा है. सबसे बड़ा उदाहरण रावण का है. रावण ने भी भेष बदलकर सीता के साथ छल किया था.
साक्षी महाराज ने कहा कि हर युग में ऐसा पाखंड चला है. ऐसे लोगों से समाज को सावधान रहने की जरूरत है. साक्षी महाराज का कहना है कि संत का भेष हाथी का पैर होता है. हाथी के पैर में सभी समाविष्ट हो जाते हैं. इसलिए ऐसे फर्जी, पाखंडी, भ्रष्टाचारी और दुराचारी नकली बाबाओं से भोली-भाली जनता को बचना चाहिए.