गुजरात विधानसभा चुनाव में महज दो महीने बचे हैं. ऐसे में राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. बीजेपी विधानसभा के चुनाव में नए जातिय समीकरण के साथ उतरने जा रही है. पार्टी केद्रीय नेतृत्व ने पटेलों की नाराजगी को देखते हुए अपना ध्यान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर केंद्रित करने का भी मन बनाया है. ऐसे में बीजेपी ओबीसी वोट बैंक में अपनी जगह बनाने के लिए एक रैली और यात्राओं की रुपरेखा को अंतिम रूप देने में जुटी है.….तो इसलिए अमित शाह के इस कदम से BJP के नेता के छुटे पसीने…..
नाराज पाटीदार
गुजरात में पाटीदार मतदाता करीब 20 फीसदी हैं. मौजूदा सरकार में करीब 40 विधायक, 7 मंत्री हैं. पाटीदार समाज बीजेपी का परंपरागत वोट रहा है, लेकिन पटेल आरक्षण की मांग को लेकर फिलहाल नाराज है. बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए हार्दिक पटेल ने संकल्प यात्रा निकाली है.
बीजेपी का ओबीसी कार्ड
राज्य में ओबीसी मतदाता बड़ी संख्या में है. ऐसे में बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल के लिए ओबीसी वोट बैंक पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. इसके मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य के खेड़ा जिले के फागवेल में 18 सितंबर को पिछड़ी जातियों की रैली को संबोधित करेंगे. ठाकुर, पिछड़ी जाति, अपनी आजीविका को किसानों और छोटे किसानों के रूप में कमाते हैं, इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मौजूद हैं.
मोदी के ओबीसी कार्ड को भी कैश कराने की योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ओबीसी समाज से आते हैं. ऐसे में पार्टी पीएम मोदी के ओबीसी कार्ड के जरिए ओबीसी समाज के बीच जगह बनाने की कोशिश करेगी. ओबीसी मतदाताओं के बीच बेहतर तालमेल बैठाकर राज्य की सियासी लड़ाई को फतह कर सके. राज्य की कई पिछड़ी जातियों, उप-जातियों और समूहों को डील करने की योजना है.
गांधी-पटेल की जन्मभूमि से बीजेपी की यात्राएं
बीजेपी गुजरात में ओबीसी वोटरों तक पहुंचने के लिए दो यात्राओं की योजना की रूपरेखा बनाई जा रही है. इसमें पहली यात्रा 1 अक्टूबर को सरदार पटेल के जन्मस्थान करसमद से शुरू होगी, जबकि दूसरी यात्रा 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर से शुरू होगी.
पटेलों की नाराजगी को दूर करने की योजना
राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल , जो कि कडवा पटेल हैं एक रैली का नेतृत्व वो करेंगे और दूसरे का नेतृत्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघानी, जो लेवी पटेल हैं वो नेतृत्व करेंगे. जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी दोनों यात्राओं में भाग लेंगे, ताकि राज्य के दोनों पटेलों को एक साथ साधा जा सके. सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर दबोही में होंगे.