आज (19 सितंबर) ही 17 साल पहले ‘लौह महिला’ के नाम से मशहूर कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत के लिए इतिहार रचा था. वह ओलंपिक में पदक जीतने पहली भारतीय महिला बनी थीं. 2000 के सिडनी ओलंपिक में मल्लेश्वरी ने यह उपलब्धि हासिल की थी. तब उन्होंने 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था.
विदेश में ऑस्ट्रेलिया का हुआ बुरा हाल, पिछले 11 मैचों में जीत को तरसे…
टेनिस स्टार लिएंडर पेस ने 1996 के अटलांटा ओलंपिक में एकल वर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत को खाली हाथ लौटने की शर्मिंदगी से बचाया था. उसी तरह मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक में भारत को बिना पदक लौटने की शर्मिंदगी से बचा लिया था. मल्लेश्वरी की उस सफलता के बाद से अब तक चार और महिलाओं ने भारत को ओलंपिक में मेडल दिलाया है. जिनमें मेरी कोम, साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और साक्षी मलिक शामिल हैं.
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में पैदा हुईं कर्णम मल्लेश्वरी ने 12 साल की उम्र से ही भारोत्तोलन का अभ्यास शुरू कर दिया था. भारतीय खेल प्राधिकरण की एक योजना के तहत मल्लेश्वरी को प्रशिक्षण मिला. मल्लेश्वरी को अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री सम्मान भी मिल चुका है.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features