साध्वी रेप केस में सजा काट रहे राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा में जमीन में नरकंकाल दफन होने का असली सच सामने आया है, जो होश उड़ा देगा। दरअसल, एसआईटी से पूछताछ में मंगलवार को डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. पीआर नैन ने बड़ा खुलासा किया है। नैन ने एसआईटी को बताया है कि डेरे की जमीन में 600 लोगों की अस्थियां दबी हैं। नैन ने इससे जुड़ा सारा रिकॉर्ड एसआईटी को सौंप दिया है। पीआर नैन मंगलवार शाम 5.40 बजे शहर थाने में आया था।…तो ये कम करते है जेल में राम रहीम, मिलते हैं सिर्फ 20 रूपये
एसआईटी इंचार्ज डीएसपी कुलदीप बेनीवाल ने उससे रात आठ बजे तक करीब ढाई घंटे में 50 सवाल किये। एसआईटी ने एक दिन पहले सोमवार को डेरा सच्चा सौदा की चेयरपर्सन विपसना इंसा से करीब सवा तीन घंटे तक पूछताछ की थी। एसआईटी ने मंगलवार शाम डॉ. पीआरनैन से शहर थाने में पूछताछ की। एसआईटी ने पीआर नैन को नोटिस भेजकर जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था।
बताया जाता है कि डेरा सच्चा सौदा में खेती की देखरेख का जिम्मा पीआर नैन का है। इसलिए एसआईटी ने उनसे पहला सवाल किया कि डेरे की जमीन में पेड़-पौधों के नीचे क्या नर कंकाल दबे हैं? इस पर नैन ने जवाब दिया कि डेरा अनुयायियों का ऐसा विश्वास है कि मौत के बाद अगर उनकी अस्थियां डेरे की जमीन में दबाई जाएंगी तो उन्हें मोक्ष मिलेगा।
अनुयायियों की इच्छा के चलते डेरा प्रबंधन ने जर्मनी के एक वैज्ञानिक से इस बारे में सलाह ली तो उसने बताया कि हड्डियों में फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है, जो जमीन की उपजाऊ शक्ति को कई गुणा बढ़ा देगी। जर्मन वैज्ञानिक के कहने पर डेरा प्रबंधन ने अनुयायियों की अस्थियों को डेरे की जमीन में दबाना शुरू किया।
नैन से सवाल किया गया कि 25 अगस्त की घटना के समय क्या आप डेरे में मौजूद थे और सिरसा में डेरा के वे कौन लोग थे जो लोगों को हिंसा के लिए भड़का रहे थे। नैन ने कहा कि वह 25 अगस्त को डेरे में मौजूद था लेकिन हिंसा भड़काने के बारे में कुछ भी नहीं पता। लखनऊ के निजी मेडिकल कॉलेज में डेरा सच्चा सौदा की ओर से भेजी गईं डेड बॉडी के सवाल पर नैन ने कहा कि डेरा प्रबंधन की ओर से कोई डेड बॉडी किसी मेडिकल कॉलेज को नहीं भेजी गई। डेरा के अनुयायियों ने खुद डेड बॉडी निजी मेडिकल कॉलेजों में भेजी थीं।
सवाल झेल नहीं पा रहा था नैन
ढाई घंटे की पूछताछ में एसआईटी ने पीआर नैन से 50 सवाल किए। ज्यादातर सवालों का जवाब देने की बजाय नैन खामोश रहा। पेशे से बाल रोग विशेषज्ञ 76 वर्षीय चिकित्सक पीआर नैन ने एसआईटी से कहा कि वह हार्ट पेशेंट है, उसे शूगर और लो बीपी की बीमारी है। नैन 50 में से आधे सवालों का ही जवाब दे पाया। उसने एसआईटी को बताया कि वह डेरे से कई वर्षों से जुड़ा है। वह डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम के गांव गुरुसर मोडिया में बने डेरे के अस्पताल में सीआओ था। बाद में डेरा प्रमुख ने उससे डेरे की खेतीबाड़ी की जिम्मेदारी सौंप दी।
पंचकूला में हिंसा फैलने के लिए डेरा प्रबंधन की ओर से भेजे गए पांच करोड़ रुपये के सवाल पर पीआर नैन ने कहा कि इस बारे में उसे कुछ नहीं मालूम। इसका जवाब डेरे के अकाउंट मैनेजमेंट के लोग दे सकते हैं। एसआईटी इंचार्ज कुलदीप बेनीवाल का कहना है कि फंडिंग के मामले में अकाउंट मैनेजमेंट से पूछताछ की जाएगी।
विपसना और नैन से होगी दोबारा पूछताछ
एसआईटी ने डेरा प्रबंधन कमेटी की चेयरपर्सन विपसना और पीआर नैन को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था। दोनों से पूछताछ की गई है। काफी सवालों के जवाब दोनों नहीं दे पाए। इसलिए दोनों को पूछताछ के लिए फिर बुलाया जाएगा। नैन का कहना है कि डेरे की जमीन में 600 लोगों की अस्थियां दफन हैं। 25 अगस्त की हिंसा के समय मीडिया कर्मियों पर हमला करने वाले दस लोगों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही इनको गिरफ्तार किया जाएगा।