बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने टीईटी परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं. परीक्षा में 83 फीसदी परीक्षार्थी फेल हो गए हैं. जून में आयोजित की गई इस परीक्षा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन आनंद किशोर ने टीईटी परीक्षा के नतीजे घोषित करते हुए जानकारी दी कि इस साल कक्षा 1 से कक्षा 5 तक शिक्षक बनने के लिए 43000 परीक्षार्थी टीईटी की परीक्षा में बैठे थे जिसमें महज 16.36 यानि 7038 अभ्यर्थी ही सफल हुए.
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वहीं कक्षा 6 से कक्षा 8 में शिक्षक बनने के लिए 168700 परीक्षार्थी टीईटी परीक्षा में बैठे थे, जिसमें सिर्फ 30113 परीक्षार्थी ही पास हुए हैं. इन विद्यार्थियों में 17.83 फीसदी परीक्षार्थी पास हुए हैं जबकि 83 फीसदी फेल हुए हैं.
इस बार की परीक्षा में सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों के लिए कट ऑफ 60 फीसदी रखी गई थी, पिछड़ी जाति और अति पिछड़ी जाति के लिए कटऑफ 55 फीसदी रखी गई थी और अनुसूचित जाति और जनजाति के परीक्षार्थियों के लिए कटऑफ 50 फीसदी थी.
टीईटी के नतीजे घोषित होने के बाद एक बार फिर से बिहार के शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. गौरतलब है कि इसी साल इंटरमीडिएट की परीक्षा में जहां 64 फीसदी छात्र फेल हो गए थे, जबकि मैट्रिक परीक्षा में सिर्फ 51 फीसदी बच्चे ही पास हो पाए थे.
वहीं शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों फैसला किया था कि जो भी शिक्षक 50 साल से ज्यादा की उम्र पार कर चुके हैं और जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है वैसे शिक्षकों को जबरन रिटायर करवाएगी.
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