एमपी गजब है, सबसे अजब है. मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई विज्ञापन जारी हुए, जिसमे एक विज्ञापन की पंच लाइन है, “एमपी गजब है, सबसे अजब है” यह वाकई हकीकत से वाकिफ़ रखती है. मध्यप्रदेश राज्य का बुरहानपुर शहर ऐतिहासिक शहर है. पर्यटन के मामले में यह शहर अधिक लोकप्रिय तो नहीं है किन्तु इस शहर में वह पर्यटक ज्यादा आते है जो अजंता-एलोरा से इंदौर/मांडू/महेश्वर आदि घूमने जाते है. बता दे कि बुरहानपुर मुगलकाल के दौरान बादशाह शाहजहां की मुग़ल साम्राज्य की राजधानी थी.अब घर बैठे घूमें पुरानी दिल्ली की मशहूर ‘मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली’: विडियो
शाहजहां ने इस जगह लंबे अरसे तक शासन किया था. यह जगह मुगल वास्तुकला और मुगल भव्यता के सबसे खूबसूरत प्रतीकों में से एक है. आज के समय में बुरहानपुर अभी भी महान वास्तुशिल्प महत्व का एक शहर है. किन्तु इसकी प्रसिद्धि बोहरा मुस्लिम और सिखों के तीर्थस्थल के रूप में ज्यादा है. ताजमहल आगरा के बजाय बुरहानपुर में होना चाहिए था, क्योकि मुमताज बेगम ने अपने चौदहवें बच्चे को जन्म बुरहानपुर में ही दिया था और मृत्यु के बाद मुमताज का शरीर काफी दिनों तक इसी शरीर में रहा था.यहां घूमने के लिए आप गुरुद्वारा बरी संगत साहेब भी जा सकते है, 16 वी शताब्दी के शुरूआती दिनों में सिख धर्मगुरु नानक जी ने इस शहर का दौरा किया था. यहां गुरुद्वारा गुरु ग्रन्थ साहिब की हस्त-लिखित प्रतिरूपित को दिखाता है, यहां एक शिलालेख भी मौजूद है, जिसे गुरु गोविन्द ने खुद लिखा है.
बुरहानपुर में दरगाह-ए-हकीमी भी स्थित है, यह सैयद अब्दुल कादिर हाकिमुद्दीन पवित्र दाऊदी बोहरा संत है, इन्हे बुरहानपुर में दफन किया गया था. दुनिया भर के लोग उनकी कब्र देखने के लिए आते है. यह शुद्ध संगमरमर से बनी हुई है जो कि मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है. यह दरगाह दाऊदी बोहरा मुस्लिमों के लिए सबसे पवित्र स्थान है.