जनता दल यूनाईटेड में शरद यादव के विरोधी सक्रिय हो गए हैं। अब शरद यादव को उद्योग मामले की संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। शरद यादव का पार्टी में जमकर विरोध हो रहा है। गौरतलब है कि, शरद यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा से गठबंधन कर सरकार बनाने पर नाराजगी जाहिर की गई थी।गुरदासपुर उपचुनाव: शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू, सभी पार्टियों के दिग्गज मैदान में…
जिसका जदयू के नेताओं ने विरोध किया था। ये नेता शरद यादव पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बाद में पार्टी ने शरद यादव पर कार्रवाई की। शरद यादव को लेकर उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू से मांग की गई है कि, उनकी राज्यसभा सदस्यता को रद् कर दिया जाए। उन्हें अयोग्य ठहरा दिया जाए। संसदीय समितियों को लेकर व्यापक बदलाव देखने को मिला है।
जिसके तहत संसदीय समिति की अध्यक्षता कांग्रेस के हाथ से निकल गई है। भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों के पास संसद की 14 स्थायी समितियों की अध्यक्षता का जिम्मा है। राज्यसभा बुलेटिन के अनुसार विभिन्न मसलों से जुड़ी लोकसभा व राज्यसभा की करीब 24 स्थायी समितियों 10 की अध्यक्षता, भाजपा सदस्यों के पास मौजूद है।
गौरतलब है कि, कांग्रेस के पास 5 समितियाॅं हैं, तृणमूल कांग्रेस के पास 2 समितियाॅं हैं,शिवसेना के पास 2 समितियाॅं हैं, शिरोमणि अकाली दल के पास एक समिति है। यही स्थिति समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाईटेड, अन्नाद्रमुक, बीजद और तेदेपा के साथ बनी हुई है। कई समितियों के अध्यक्ष तो पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं।