दिल्ली में आने वाली कमर्शल गाड़ियों से टोल टैक्स वसूलने का ठेका नई कम्पनी को दिया गया है. गुरुवार को इसकी जानकारी साउथ एमसीडी की बैठक में दी गयी. एमसीडी के मुताबिक टोल टैक्स वसूली के लिए निगम ने टेंडर जारी किया था. इसमें 6 कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन एमइपी इंफ्रा नाम की कम्पनी ने 1206 करोड़ रुपये की टोल टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा, जो सबसे ज्यादा था.अभी-अभी: राम रहीम के डेरामुखी के खिलाफ इस गैंग ने पत्रकारों को जान से मरने की दी धमकी…
एमइपी इंफ्रा को अगले 5 सालों के लिए टोल टैक्स कलेक्शन का ठेका दिया गया है. टोल टैक्स के अलावा यही कम्पनी ECC यानी एनवारनमेंटल कंपनसेशन चार्ज भी वसूलेगी, जिसकी राशि दिल्ली सरकार को दी जाएगी.
आपको बता दें कि इससे पहले एमसीडी का टोल टैक्स कलेक्शन का ठेका 636 करोड़ रुपये का था, लेकिन नई कम्पनी 1206 करोड़ रुपये सालाना टोल टैक्स वसूलेगी जो कि पहले से दोगुना है. इससे तीनों निगमों के राजस्व में खासी बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसके साथ ही ये शर्त भी जोड़ी गयी है कि यदि कम्पनी साल भर के बाद कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना चाहे, तो उसे तीन महीने पहले इसकी जानकारी देनी होगी और उसकी 25 फीसदी सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि काट ली जाएगी. इसके साथ ही शर्त रखी गयी है कि कम्पनी को हर हफ्ते 23 करोड़ रुपये एमसीडी को देना ही होगा भले ही उसे इससे कम टोल टैक्स मिला हो.
स्थायी समिति अध्यक्ष ने उठाये थे सवाल
स्थायी समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने स्थायी समिति में सवाल उठाया था कि जब टोल 1206 करोड़ वसूला जा सकता है तो फिर 636 करोड़ रुपये टोल वसूलने वाली कंपनी को पहले ठेका क्यों दिया जाता रहा था. उन्होंने निगम को हो रहे घाटे के लिए अफसरों को ज़िम्मेदार ठहराया था.