बड़े पैमाने पर अनाधिकृत तरीके से दवाओं को ऑनलाइन बेचे जाने पर चिंता जताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र और केंद्र सरकार से कहा है कि वे इन्हें नियमित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की सूची बनाएं।
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मुख्य न्यायाधीश मंजूला चेल्लूर और न्यायाधीश एनएम जामदार की पीठ ने इसके साथ ही केंद्र को दिशानिर्देश भी दिया है। उन्होंने केंद्र से उन कदमों की जानकारी मांगी है जिनसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के ऐसे दवाओं को बेचने पर रोक लगे जिनका बड़े पैमाने पर ऑनलाइन प्रचार होता है।
कोर्ट का आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हुए आया है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार ‘सूची-एच’ या प्रिस्क्राइब दवाओं की ऑनलाइन गैरकानूनी बिक्री पर रोक लगाए। याचिका में कहा गया है कि अक्सर कॉलेज के छात्र नींद और अबॉर्शन की दवाएं बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन या फर्जी मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन उपलब्ध करवाकर हासिल कर लेते हैं।
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